दूसरा कोविड-19 वैक्सीन ट्रायल रुका
१३ अक्टूबर २०२०इसकी जानकारी सबसे पहले स्वास्थ समाचारों की वेबसाइट एसटीएटी ने दी. कंपनी ने एक बयान में यह भी कहा कि बीमारियां, हादसे और दूसरी तथाकथित प्रतिकूल घटनाएं किसी भी क्लीनिकल अध्ययन का और विशेष रूप से बड़े अध्ययनों का एक अपेक्षित हिस्सा हैं. कंपनी ने बयान में कहा कि इसके बावजूद उसके चिकित्सक और सुरक्षा की निगरानी करने वाला एक पैनल बीमारी का कारण जानने की कोशिश करेगा.
कंपनी ने उस व्यक्ति की निजता का हवाला देते हुए बीमारी के बारे में और कोई जानकारी देने से मना कर दिया. टीके का ट्रायल काफी आगे के चरण तक पहुंच चुका था. इस तरह के बड़े ट्रायलों में अस्थायी रूप से बाधा आना तुलनात्मक रूप से आम बात है. अक्सर इस तरह की जानकारी सार्वजनिक की भी नहीं जाती, लेकिन महामारी की गंभीरता को देखते हुए इस तरह की समस्याओं का महत्व बढ़ गया है.
टीकों पर काम कर रही कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वो परीक्षण के दौरान होने वाली किसी भी गंभीर या अनपेक्षित प्रतिक्रिया की जांच पड़ताल करेंगे. इस तरह के टेस्ट लाखों लोगों पर किए जाते हैं, ऐसे में कुछ मेडिकल समस्याओं का सामने आना एक संयोग है. बल्कि जॉनसन एंड जॉनसन ने बताया कि सबसे पहले वो यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि व्यक्ति को टीका दिया गया था या प्लेसिबो.
यह दूसरी बार है जब कोरोना वायरस महामारी के टीके के किसी ट्रायल को रोकना पड़ा है. अमेरिका में ऐसे कई ट्रायल आखिरी चरण तक पहुंच गए हैं. एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा बनाए जा रहे टीके के आखिरी चरण के परीक्षण अमेरिका में अभी भी रुके हुए हैं. अधिकारी इस बात का मूल्यांकन करने की कोशिश कर रहे हैं कि टीके के ट्रायल में कहीं किसी बीमारी का खतरा तो नहीं है.
इस ट्रायल को एक महिला के गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो जाने के बाद रोक दिया था. कंपनी अमेरिका के बाहर दूसरी जगहों पर टेस्ट फिर से शुरू कर चुकी है. जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी उम्मीद कर रही है कि वो अपने टीके के ट्रायल के लिए 60,000 उम्मीदवारों को ले पाएगी.
सीके/एए (एपी)
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