ब्रिटेन के सामने अब ब्रेक्जिट के दो विकल्प
२२ मार्च २०१९आगामी 29 मार्च को बिना किसी समझौते के ईयू से बाहर निकलने के कगार पर खड़े ब्रिटेन के लिए यह एक बहुत "हार्ड" ब्रेक्जिट होता. प्रधानमंत्री टेरीजा मे के अनुरोध पर यूरोपीय संघ ने इसकी समय सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. टेरीजा मे ने संसद की सहमति लेने और समझौते में सुधार के लिए और समय दिए जाने की मांग की थी. ईयू के साथ हुए ब्रेक्जिट समझौते को ब्रिटिश संसद ने दो बार रद्द कर दिया था. प्रधानमंत्री मे को उम्मीद है कि तीसरी बार प्रस्ताव जरूर पास हो जाएगा.
अब ईयू ने संसद द्वारा समझौते के अनुमोदन की स्थिति में ब्रेक्जिट के लिए 22 मई 2019 तक का समय देगी. हाउस ऑफ कॉमन्स ब्रिटेन की संसद का निचला सदन है जिसमें जनता के निर्वाचित सदस्य पहुंचते हैं.
ईयू और ब्रिटेन की तरफ से जारी संयुक्त बयान में यह भी बताया गया कि अगर ब्रिटिश संसद इसे मान्यता नहीं देती है तो ब्रिटेन को यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए 12 अप्रैल 2019 तक का एक्सटेंशन दिया जाएगा. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टुस्क ने बताया कि केवल 12 अप्रैल तक ही ब्रिटेन के सामने दोनों विकल्प खुले हैं.
ईयू के बाकी 27 देशों के प्रतिनिधियों से कई घंटो तक बातचीत करने और फिर टेरीजा मे से करीब 90 मिनट तक चर्चा करने के बाद टुस्क ने कहा, "यूके सरकार के पास अभी भी सभी विकल्प हैं - समझौता करे, समझौता ना करे, लंबा एक्सटेंशन ले या फिर आर्टिकल 50 खत्म करे."
बैठक के बाद प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा, "हमारे लिए निर्णय लेने का पल आ गया है." उन्होंने बताया कि उनकी हर संभव कोशिश होगी कि ब्रिटेन एक समझौते के साथ ईयू से बाहर निकले और देश को आगे ले जाया जा सके. उन्होंने फिर दोहराया कि ब्रिटेन हर हाल में ईयू से बाहर निकलेगा. यूरोपीय संसद के आगामी चुनाव 23 से 26 मई के बीच होने हैं. अगर ब्रिटेन चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला करता है तो उसके सामने यूरोपीय संघ से बाहर होने के लिए लंबा एक्सटेंशन लेने का विकल्प ही नहीं रहेगा.
आरपी/ (डीपीए, एपी)