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यूरोपीय बजट पर रात का ड्रामा

२८ जून २०१३

घंटों तक यूरोपीय नेताओं की शिखर भेंट में अनिश्चय की स्थिति रही. क्या ब्रिटेन ईयू की भावी वित्तीय योजना को रोक देगा? देर रात झगड़े का निबटारा हुआ और अगले सात साल की वित्तीय योजना को मंजूरी मिली.

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तस्वीर: Reuters

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने यूरोपीय संघ के नेताओं की आठ घंटे से ज्यादा तक चली बैठक के बाद समझौते पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "यह हमारे खर्च को नियोजित ढंग से करने, विकास और रोजगार के लिए सचमुच कुछ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है." समझौते के बाद ईयू के अध्यक्ष हर्मन फान रोमपॉय ने कहा, "ईयू के बजट पर यूरोपीय परिषद में पूरी सहमति है."

कम से कम कुछ समय तक शिखर भेंट में ऐसा लग नहीं रहा था. अंत में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने आशंकाएं व्यक्त की थीं. वे हर हाल में इस बात को रोकना चाहते थे कि उनके देश को यूरोपीय संघ के बजट में ज्यादा योगदान देना पड़े. इस विवाद का रास्ता लंदन को नया आश्वासन देकर निकाला गया. 1984 से ब्रिटेन को ईयू को दिए जाने वाले राजस्व में रियायत मिलती है, जो इस समय सालाना 3.6 अरब यूरो है, क्योंकि उसे कृषि कोष से अपेक्षाकृत कम लाभ होता है. भविष्य में उसे और 20 करोड़ यूरो की अतिरिक्त रियायत मिलेगी.

EU Gipfel Cameron mit Ansip und Muscat 28.06.2013
कैमरन की बाजीतस्वीर: Reuters

अंतिम क्षणों में समझौता

एक हफ्ते पहले भी 2014 से 2020 तक के लिए यूरोपीय संघ के बजट पर सहमति की संभावना खत्म हो गई थी. उस समय यूरोपीय संसद ने बजट वार्ताओं को तोड़ दिया. सदस्य देशों और संसद के बीच कठिन प्रयासों के बाद गुरुवार सुबह समझौता हुआ. इसके अनुसार 2020 तक यूरोपीय संघ कम से कम 908 और अधिक से अधिक 960 अरब यूरो खर्च करेगा. इसमें सबसे ज्यादा योगदान सालाना 9 अरब यूरो जर्मनी का है. यूरोपीय कोष से सबसे ज्यादा पाने वाला देश पोलैंड है, जिसे शुद्ध 11 अरब यूरो मिलेंगे.

संसद के साथ समझौते के लिए यूरोपीय देशों ने कई रियायतें दी. यह बहुत ही जरूरी था क्योंकि वित्तीय योजना पर सहमति के बिना यूरोपीय नेता बेरोजगारी से लड़ने के मुद्दे पर कोई ठोस बातचीत नहीं कर पाते. यूरोपीय आयोग के प्रमुख जोसे मानुएल बारोसो ने कहा, "विकास की संधि विकास के कोष के बिना, धन के बिना काम नहीं कर सकती. हमारा विकास कोष संरचनात्मक साधनों के साथ यूरोपीय बजट है. बिना बजट के हम हम विकास के लिए अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकते."

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यूरोप में बेरोजगारीतस्वीर: picture-alliance/dpa

युवा रोजगार की पहल

अगले सात सालों में 908 अरब यूरो के बजट का करीब 46 प्रतिशत संरचनात्मक रूप से कमजोर इलाकों में खर्च किया जाएगा. यूरोपीय संघ की वित्तीय मदद से वहां स्थानीय अधिकारी और उद्यम की ओर नए निवेश की शुरुआत हो पाएगी. यूरोपीय बजट का 49 फीसदी हिस्सा भविष्य में कृषि सबसिडी पर खर्च होगा. युवाओं में बेरोजगारी कम करने के लिए 6 अरब यूरो खर्च करने की योजना बनाई गई है. यह राशि अगले दो वर्षों में खर्च की जाएगी.

यूरोपीय संसद के अध्यक्ष मार्टिन शुल्त्स ने इस बात पर प्रसन्नता जताई है कि अब तय है कि 908 अरब यूरो सचमुच खर्च भी किए जाएंगे. अब तक इस्तेमाल नहीं की गई राशि वापस सदस्य देश को मिल जाती थी. इस समय के सात वर्षीय योजना में बच गया 55 अरब यूरो सदस्य देशों को वापस मिलेगा. लेकिन 2014 से बची राशि को अगले साल या प्रांभिक योजना से अलग परियोजनाओं पर भी खर्च किया जा सकेगा. शुलत्स इसे बड़ी प्रगति बताते हैं कि सात वर्षीय वित्तीय योजना को नमनशील बनाया जा रहा है.

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बारोसो और मैर्केलतस्वीर: Bertrand Langlois/AFP/Getty Images

यूरोपीय संसद का दबाव

यूरोपीय संघ के बजट पर हुई बातचीत अत्यंत कठिन थी, क्योंकि पहली बार यूरोपीय संसद को इसका फैसला करने का बराबरी का अधिकार मिला था. लिसबन संधि के लागू होने से पहले यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेता आपस में मिलकर बजट तय कर सकते थे. लेकिन अब यूरोपीय नेताओं और संसद के नेतृत्व के बीच सहमति के बाद अगले हफ्ते पूरी संसद इस वित्तीय योजना पर मतदान करेगी. शुल्त्स ने कहा, "मैं इस पर बहुमत पाने के लिए लड़ूंगा."

यदि ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन अड़ जाते और समझौते को भविष्य के लिए टाल देते तो बजट में योगदान देने वाले देशों के लिए यह महंगा सौदा साबित होता. यूरोपीय नियमों के अनुसार सहमति नहीं होने पर मौजूदा बजट आगे के लिए भी लागू रहता है. 2013 में यूरोपीय खर्च 143 अरब यूरो था. यदि इसे सात सालों के लिए जोड़ा जाए तो 2020 तक खर्च कुल 1001 अरब यूरो होता. इसलिए सदस्य देशों पर भी काफी दबाव था.

रिपोर्ट: बैर्न्ड रीगर्ट/एमजे

संपादन: आभा मोंढे

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