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यूरोपीय अदालत: शरणार्थियों का लैंगिक परीक्षण गलत

२५ जनवरी २०१८

यूरोपीय अदालत ने कहा है कि शरणार्थियों की लैंगिक रुझान तय करने के लिए मनोवैज्ञानिक टेस्ट करना गैरकानूनी है. ये फैसला उन देशों से भागे शरणार्थियों पर दिया गया है जहां समलैंगिकता अवैध है.

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Deutschland Schwule Flüchtlinge erleben Diskriminierung
तस्वीर: DW/C. Chebbi

हंगरी के आव्रजन आधिकारियों ने देश में शरण चाहने वाले एक नाइजीरियाई व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक परीक्षण सिर्फ इसलिए कराया था क्योंकि उन्हें उसके "गे" होने पर शक था. लेकिन अब अदालत ने अधिकारियों द्वारा कराए गए इस परीक्षण को गलत माना है. अदालत ने अपने आदेश में इस तरह के परीक्षण को "असंगत" कहा. साथ ही यह भी कहा कि यह किसी भी व्यक्ति के जीवन के बेहद ही अंतरंग पहलू में दखल है. 

"असंगत दखल"

अप्रैल 2015 में इस व्यक्ति ने हंगरी में शरण के लिए आवेदन दिया था. उसका कहना था कि समलैंगिक होने के चलते नाइजीरिया में उसे उत्पीड़न का डर है. नाइजीरिया में समलैंगिकता गैरकानूनी है. साथ ही देश के उत्तरी राज्यों में इसकी अधिकतम सजा मृत्युदंड है. लेकिन हंगरी के प्रशासन ने उस व्यक्ति के आवेदन को मनोवैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर खारिज कर दिया. मनोवैज्ञानिक परीक्षण में उसे बारिश में भीगते एक आदमी की तस्वीर बनाने के लिए कहा गया था.

अदालत ने कहा कि प्रशासन किसी मामले में विशेषज्ञों की राय ले सकता है, लेकिन उसे भी इस तरह लिया जाना चाहिए जो मानवाधिकारों के अनुरूप हो. अदालत ने अपने आदेश में कहा, "इस तरह के परीक्षण संभावित शरणार्थियों की जिंदगी के बेहद ही निजी पहलू में दखल है." कोर्ट ने यह भी कहा कि इन मामलों में किसी भी परीक्षण पर सौ फीसदी विश्वास करना विवाद पैदा कर सकता है. ऐसे में न ही प्रशासन और न ही अदालत अपना निर्णय पूरी तरह किसी विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर ले सकता है और न ही ऐसी रिपोर्ट को मानने के लिए बाध्य है.

शरणार्थियों की स्थिति

समलैंगिकता नाइजीरिया में गैरकानूनी है. पियू ग्लोबल एटीट्यूट प्रोजेक्ट के अनुसार तकरीबन 97 नाइजीरियाई लोगों का मानना है कि समलैंगिकता जीवन जीने का अमान्य तरीका है. वहीं हंगरी में साल 1962 के बाद से ही समलैंगिक रिश्ते जैसी बातें सामने आती रहीं हैं. हालांकि देश में समलैंगिक संगठन बनाने की तो आजादी है लेकिन अब भी वहां समलैंगिक शादियों को मंजूरी नहीं मिली है.

उधर यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने यूरोपीय शरणार्थी नियमों में सुधार और शरणार्थियों को बांटने के विवादित मुद्दे पर बातचीत की है. बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में हुई बैठक के बाद जर्मन गृह मंत्री थॉमस दे मेजियर ने कहा कि इस साल जून तक राजनैतिक सहमति का लक्ष्य है. पूर्वी यूरोप के देश पुर्तगाल और इटली जैसे देशों से शरणार्थियों को लेने से साफ मना कर रहे हैं जहां आम तौर पर शरणार्थी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. मौजूदा नियमों के अनुसार सीमा पर स्थित वे देश शरणार्थियों के लिए जिम्मेदार हैं जहां से वे ईयू में आ रहे हैं.

एए/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)