यूरोप में बढ़ती असहिष्णुता
३० मई २०१८इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मनी में लगभग एक तिहाई लोग किसी मुसलमान को अपने परिवार के सदस्य के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे. वहीं अपने परिवार में किसी यहूदी को स्वीकार न करने वाले जर्मन लोगों की संख्या इस अध्ययन में 20 प्रतिशत बताई गई है. यह अध्ययन अमेरिकी संस्था पियू रिसर्च सेंटर ने किया है. यह अध्ययन ऐसे समय में सामने आया है जब जर्मनी में इस्लाम और यहूदी विरोध को लेकर चिंता बढ़ रही है.
यह अध्ययन यूरोप के 15 देशों में किया गया. इसमें शामिल लोगों से पूछा गया कि क्या वे अपने परिवार में किसी यहूदी को स्वीकार करेंगे? जर्मनी में 19 प्रतिशत लोगों ने इस सवाल का जवाब "नहीं" में दिया. वहीं इटली में ऐसे लोग 25 प्रतिशत, ब्रिटेन में 23 प्रतिशत और ऑस्ट्रिया में 21 प्रतिशत थे. इस मामले में नीदरलैंड्स और नॉर्वे सबसे नीचे हैं जहां सिर्फ तीन प्रतिशत लोगों ने अपने परिवार में किसी यहूदी के होने पर आपत्ति जताई.
यूरोप में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश
परिवार में मुस्लिम सदस्य के सवाल पर 33 प्रतिशत जर्मन लोगों ने जवाब "नहीं" में दिया. इस सवाल को लेकर भी इटली (43 प्रतिशत), ब्रिटेन (36 प्रतिशत) और ऑस्ट्रिया (34 प्रतिशत) सबसे ऊपर हैं. परिवार में मुस्लिम सदस्य के सवाल पर जर्मनी में कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट लोगों में भी बड़ा अंतर दिखाई पड़ता है. मुस्लिम सदस्य को ना कहने वालों में जहां कैथोलिक आधे से ज्यादा हैं, वहीं प्रोटेस्टेंट में 16 प्रतिशत लोगों को इस बारे में आपत्ति है.
पियू रिसर्च सेंटर ने अपने इस अध्ययन में 15 यूरोपीय देशों के 24,599 लोगों को शामिल किया. कुल मिलाकर यह अध्ययन बताता है कि यूरोप में मुसलमानों, यहूदियों और अन्य आप्रवासियों को लेकर असहिष्णुता बढ़ती जा रही है.
जर्मनी में 2015 के बाद मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों से दस लाख से ज्यादा शरणार्थी आए हैं. इसकी वजह से जहां एक तरफ आप्रवासी विरोधी भावनाएं मजबूत हुई हैं, वहीं इस्लाम की भूमिका पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. कई राजनेता मानते हैं कि बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने से यहूदी विरोध की घटनाएं भी बढ़ रही हैं.
एके/एमजे (डीपीए, एपी)
यूरोप में कितने रचे बसे हैं मुसलमान