यूरोप के लिए ऊर्जा का केंद्र बनना चाहता है स्पेन
२६ मार्च २०२२यूक्रेन पर व्लादिमीर पुतिन के हमले से नॉर्ड स्ट्रीम 2 यानी रूस और जर्मनी के बीच गैस पाइपलाइन परियोजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल देने से यूरोप की ऊर्जा सुरक्षा खतरे में है.
हालांकि युद्ध के अलावा कुछ दूसरी राजनीतिक स्थितियों ने भी कई मायनों में स्पेन के लिए चीजों को बदल रखा है. मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के साथ इसके लंबे आर्थिक संबंध और इन जगहों पर चल रहे कई सौर और पवन ऊर्जा पार्क अचानक ध्यान आकर्षित करने लगे हैं. स्पेन में छह लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) टर्मिनल हैं और सातवां बन रहा है. इसके अलावा, यह नाइजीरिया और कच्चे माल के दूसरे सप्लायरों के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहता है.
इबेरियन प्रायद्वीप का यह सबसे बड़ा देश अक्षय स्रोतों से अपनी सकल ऊर्जा खपत का 21 फीसदी से ज्यादा उत्पन्न करता है और इसलिए मौजूदा स्थिति में भी उसे आपूर्ति की कोई समस्या नहीं है. तमाम चीजों को मिलाकर, कई लोग स्पेन को भविष्य में यूरोप में ऊर्जा की आपूर्ति के लिए एक महाशक्ति बनने के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देखते हैं.
मिडकैट को पुनर्जीवित करना ?
स्पेन पर्यटन पर बहुत ज्यादा निर्भर है. इसलिए कोविड महामारी की वजह से लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों के दौरान इसे खासा नुकसान हुआ है. अब स्पेन अपनी अर्थव्यवस्था के हरित रूपांतरण के लिए यूरोपीय संघ के नेक्स्ट जेनरेशन फंड से 154 अरब डॉलर का उपयोग करना चाहता है. इसमें ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन भी शामिल है.
यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन कई बार स्पेन की राजधानी मैड्रिड जा चुकी हैं और इस बात से वो भी सहमत हैं. वह मिडकैट पाइपलाइन परियोजना को पुनर्जीवित करने में भी दिलचस्पी रखती हैं जो स्पेन और फ्रांस के बीच एक गैस लिंक है. स्पेन के इलाके में 80 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के निर्माण के बाद साल 2019 में यह निर्माण कार्य बंद हो गया था. यदि यह पूरा हो जाता है तो पाइपलाइन में 7.5 अरब क्यूबिक मीटर गैस की क्षमता होगी और यह एक बड़े कार्यक्रम की शुरुआत हो सकती है. नॉर्ड स्ट्रीम 1 से तुलना करें, तो यह परियोजना एक साल में 55 अरब क्यूबिक मीटर गैस को संभाल सकती है.
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मौजूदा समय में सिर्फ दो छोटी पाइपलाइनें हैं जो नावरा और बास्क देश से फ्रांस तक गैस लेकर आती हैं. स्पेन की पर्यावरण मंत्री टेरेसा रिबेरा ने हाल ही में फ्रांस की इसलिए आलोचना की है क्योंकि वह मिडकैट परियोजना को पुनर्जीवित करने में भाग नहीं लेना चाहता है.
उत्तरी अमेरिकी मामलों की विशेषज्ञ इग्नासियो केंब्रेरो कहती हैं, "यह मुख्य रूप से वित्तपोषण के बारे में है. हालांकि, नॉर्ड स्ट्रीम2 की विफलता ने इस मामले को फिर से प्रासंगिक बना दिया है.”
घरेलू ऊर्जा की कीमतों को कम करना होगा
स्पेन के प्रधान मंत्री पेड्रो सांचेज को पहले अपने देश में ऊर्जा की कीमतों को अल्पावधि में नीचे लाना होगा. COVID-19 महामारी, बर्फबारी जैसी आपदाओं, मुद्रास्फीति और अब अत्यधिक सूखे से त्रस्त देश में ज्यादातर लोग परेशान हैं.
स्पेन में बिजली पर मूल्य वर्धित कर पहले ही कम किया जा चुका है लेकिन सिर्फ इतना ही पर्याप्त नहीं है. तेजी से बढ़ रही गैस की कीमतों का सामना करते हुए, सांचेज यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पनबिजली, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसे ऊर्जा के हरित स्रोत ज्यादा लोकप्रिय बनाए जाएं. अपनी योजना को आगे बढ़ाने के लिए सांचेज ने अब यूरोपीय सद्भावना यात्रा शुरू की है.
वे चाहते हैं कि इस बारे में यूरोपीय संघ में आम सहमति बने. कुछ पर्यवेक्षक इसे स्पेन के लिए आर्थिक और राजनीतिक मौके के रूप में देखते हैं. हालांकि कई लोग इसके खिलाफ भी हैं और ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बनने के उसके लक्ष्य को भ्रामक समझते हैं.
स्पेन में ऊर्जा के आंकड़ों से संबंधित एक पत्रिका के मुख्य संपादक लुई मेरिनो कहती हैं, "यह स्पष्ट है कि अपने कई पवन और सौर ऊर्जा पार्कों की वजह से हम साल 2025 तक पचास यूरो प्रति मेगावाट की दर से बिजली हासिल कर सकते हैं जबकि इतनी ही बिजली के लिए जर्मनी और फ्रांस के लोगों को साठ से सत्तर यूरो का भुगतान करना पड़ेगा. निश्चित तौर पर यह स्पेन को ऊर्जा निर्यातक के रूप में और अधिक आकर्षक बना देगा.”
रणनीति बदलने में समय लगेगा
ऊर्जा के परिवहन के मामले में स्पेन को पहले से ही काफी अनुभव है. जनवरी 2022 में स्पेन ने फ्रांस को आयात की तुलना में बिजली का निर्यात ज्यादा किया.
वेलेंसिया के यूरोपीय विश्वविद्यालय में ऊर्जा मामलों के जानकार रॉबर्टो गोम्ज कालवेट कहते हैं, "कम जनसंख्या घनत्व के कारण हमारे पास ज्यादा संख्या में हाइड्रोलिक सिस्टम बनाने और भू-तापीय ऊर्जा जैसे स्रोतों में निवेश करने के काफी अवसर हैं. लेकिन मौजूदा सरकार की जो रणनीति है, वह सही तो है, लेकिन उसके पूरा होने में अभी कई साल लगेंगे.”
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उनका मानना है कि कुछ साल पहले कोयले को पीछे छोड़ना मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक गलती थी. स्पेन में पांच परमाणु ऊर्जा संयंत्र चल रहे हैं और आने वाले वर्षों में इन्हें ग्रिड से हटा दिया जाएगा. काल्वेट कहते हैं कि अब यह बीतों दिनों की चीजें हो चुकी हैं और खासकर तब यह और जरूरी हो जाता है जबकि स्पेन वास्तव में एक बड़ा ऊर्जा निर्यातक बनना चाहता है.
मयोर्का का हरित हाइड्रोजन कारखाना
ऊर्जा विशेषज्ञ कहते हैं कि ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन बहुत महंगा है और बहुत ज्यादा उपयोगी भी नहीं है.
काल्वेट कहते हैं, "लेकिन तेल और गैस की जगह लेने के लिए फिलहाल हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. यही कारण है कि मयोर्का में पहली हरित हाइड्रोजन फैक्ट्री अभी-अभी शुरू हुई है और यह उद्योग के लिए गिनी पिग साबित होगा. फिलहाल, यह अभी भी एक तरह की प्रयोगशाला है.”
स्पेनिश गैस कंपनी एनागास के एक पूर्व प्रबंधक रॉबर्टो सेंटेनो कहते हैं कि स्पेन को एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक के रूप में बदलने के सांचेज के सपने को साकार करने के लिए बड़े पैमाने पर अमेरिका से गैस का आयात करना होगा. वो कहते हैं, "पहले हम फ्रांस से जुड़ना चाहते थे लेकिन रूसी गैस को स्पेन में लाने के लिए हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है.”
स्पेन में इस समय यूरोपीय संघ के कुल तरल गैस भंडार का 35 फीसदी हिस्सा है. पुर्तगाल के पास एक तरल प्राकृतिक गैस टर्मिनल भी है और वो सांचेज के सपने का समर्थन करता है और अपने देश के लिए वैकल्पिक ऊर्जा में और अधिक निवेश करने का अवसर देता है.
केम्ब्रेरो इस मामले में वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति में ना सिर्फ लाभ देखती हैं बल्कि कहती हैं कि समस्याएं वास्तव में आस-पास हैं. उनके मुताबिक, "अल्जीरिया से मोरक्को के लिए गैस कनेक्शन को राजनीतिक विवादों के चलते रोक दिया गया था. इसका इस्तेमाल स्पेन अपनी गैस आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करता था. अल्जीरिया के साथ ऊर्जा संबंधों को फिर से शुरू करके, मोरक्को और स्पेन अफ्रीका में इस्लामी आतंकवादियों के समर्थन और पश्चिमी सहारा जैसी स्थिति पैदा करने की गलती कर रहे हैं.”