यूरो और ग्रीस की परीक्षा आज से
२६ सितम्बर २०११यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी ताकतों में शुमार जर्मनी में गुरुवार को स्थिरता के मुद्दे पर अहम वोटिंग होगी. इस वोटिंग से तय होगा कि देश में कितने लोग स्थायी यूरोपीय फंड की स्थापना पर सहमत हैं. यूरो जोन में ढहती अर्थव्यवस्थाओं को देखते हुए इस फंड की बड़ी जरूरत महसूस की जा रही है.
जर्मनी के सत्ताधारी गठबंधन में ही बहुत से लोग इसके आलोचक हैं. हालांकि माना जा रहा है कि विपक्षी दल इस फंड के लिए सरकार का समर्थन कर सकते हैं. जर्मन वित्त मंत्री वोल्फगांग शोएब्ले का कहना है कि फंड की स्थापना की प्रक्रिया तेज करने से बर्लिन को कोई ऐतराज नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठकों में हिस्सा लेने वॉशिंगटन गए जर्मन वित्त मंत्री वोल्फगांग शोएब्ले ने कहा, "अगर यूरोप का स्थिरता प्रबंधन पहले ही लागू किया जाता है, तब भी हमें कोई ऐतराज नहीं."
सबकी सांस हलक में
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पॉलिसी बोर्ड ने पहले ही कह दिया है कि वह वित्तीय स्थिरता और लोगों का भरोसा लौटाने के लिए और विश्व अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए सहयोग से फैसले लेने को राजी है.
27 देशों का यूरोपीय संघ आईएमएफ का सबसे बड़ा हिस्सेदार है. उसका कहना है कि यूरो जोन के कर्ज संकट का हल तलाशने के लिए वह हर जरूरी कदम उठाएगा. यूरो जोन और उसके सदस्य देशों की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना यूरोपीय संघ का मुख्य मकसद है.
यूरोपीय नेताओं को इस संकट का जल्द से जल्द और ठोस हल तलाशना होगा क्योंकि यूरोजोन का वित्तीय संकट धीरे धीरे यूरो करंसी इस्तेमाल करने वाले देशों को अपनी चपेट में ले रहा है. इस वजह से अमेरिका और आईएमएफ ने यूरो जोन की आलोचना भी की है. दुनिया के सामने भी एक बार फिर मंदी का खतरा खड़ा होने लगा है.
यूरोपीय नेताओं के सामने फिलहाल ग्रीस का संकट है जो दीवालिया हो जाने के कगार पर है. और यह हालत तब है जब यूरोपीय संघ के बेलआउट पैकेज को एक साल भी नहीं बीता है. ग्रीस की हालत ने यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्थाओं के खस्ता हालत होने के संकेत दे दिए हैं. और साथ ही यूरो की चमक भी फीकी पड़ गई है.
यूरो को पड़े झटके
बीते हफ्ते यूरोपीय करंसी को बड़ा झटका तब लगा जब क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने इटली की क्रेडिट रेटिंग घटा दी. ऐसा अब तक ग्रीस, आयरलैंड और पुर्तगाल के साथ ही हुआ था. ये तीनों देशों को कर्ज की लाइफलाइन पर चल रहे हैं.
लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों की चिंता ग्रीस से ज्यादा बड़ी है. उन्हें लगता है कि यूरो जोन के सामने संकट और बड़ा है. और वह है संकट के सामने यूरोपीय संघ के नीति निर्माताओं की एकता का बिखर जाना. पोलैंड में इसी महीने एक अनौपचारिक बैठक हुई. इस बैठक के जरिए संकट की वजह से फैली दहशत को शांत किया जा सकता था. लेकिन यूरोपीय देशों के आपसी और अमेरिका के साथ मतभेदों ने सारा बंटाधार कर दिया.
यूरोपीय संघ के इस रवैये ने पूरी दुनिया को चिंतित किया है. यहां तक कि जी20 देशों के वित्त मंत्रियों ने भी यूरो जोन के नेताओं से अपील की कि एक होकर कोई ठोस फैसला लें ताकि ग्रीस और पूरे यूरो जोन के कमजोर होते किनारों को ढहने से रोका जा सके.
ग्रीस की मुश्किलें कम नहीं
बीते शनिवार ग्रीस के वित्त मंत्री इवांजेलोस वेनिजेलोस वॉशिंगटन में थे. उन्होंने अपनी सरकार के खर्च कटौती के नए कदमों को आईएमएफ के सामने पेश किया. वह दिखाना चाहते थे कि उनकी सरकार संकट से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन साथ ही यह भी नजर आ गया कि इन कदमों से जनता में असंतोष फैल रहा है. पर ट्रोएका संतुष्ट नहीं है. यूरोपीय संघ, आईएमएफ और यूरोपीय सेंट्रल बैंक को ग्रीस के लोग ट्रोएका कहते हैं. इस ट्रोएका का कहना है कि ग्रीस को और ज्यादा सख्त कदम उठाने होंगे नहीं तो पिछले साल दिए 110 अरब यूरो के कर्ज का बकाया हिस्सा रोक लिया जाएगा.
अब ट्रोएका के विशेषज्ञों को ग्रीस के बहीखातों की जांच करनी है. यह काम तीन हफ्ते से टलता आ रहा है. ग्रीस की सरकार चाहती है कि ये विशेषज्ञ संतुष्ट होकर लौटें. इसके लिए उसने अपनी जनता पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाया है जिसे लेकर काफी विवाद हो रहा है. इसके अलावा पेंशन में कटौती और 30 हजार लोगों को नौकरी से निकाले जाने का मुद्दा भी सरकार को चैन से बैठने नहीं दे रहा है. शोएब्ले से मिलने के बाद वेनिजेलोस ने कहा, "हम कोशिश कर रहे हैं. लगातार बैठकें हो रही हैं. हमारा मकसद है कि हालात किसी तरह स्थिर हो जाएं. हम अपनी तरफ से सब कुछ करना चाहते हैं ताकि कोई हम पर उंगली न उठा सके. ग्रीस यूरोजोन का हिस्सा है और रहेगा."
ग्रीस के विपक्षी दल के अखबार एलेफथेरोस टाइपोज ने रविवार को एक सर्वे छापा है. इस सर्वे के मुताबिक 48.5 फीसदी लोग अतिरिक्त कर चुकाने के काबिल नहीं हैं. और नौ फीसदी हैं तो कर चुकाने से ही इनकार कर रहे हैं.
वेनिजेलोस के मुताबिक ट्रोएका से अगले हफ्ते होने वाली बातचीत में अगले पांच साल में आर्थिक सेहत सुधारने की योजना पर भी बात होगी. साथ ही ग्रीस में अगले हफ्ते हड़ताल भी बुलाई गई है. 5 अक्तूबर को सरकारी कर्मचारी काम नहीं करेंगे और 19 अक्तूबर को देशभर में आम हड़ताल होगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ओ सिंह