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यमन और सोमालिया पर गया ध्यान

३ जनवरी २०१०

अरब देश यमन में अल क़ायदा के छिपने और ट्रेनिंग के ठिकानों को नष्ट करने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन सरकार को पूरी मदद का भरोसा दिलाया है. अमेरिकी सेंट्रल कमान के सैन्य जनरल डेविड पेट्रायस ने यमन का दौरा किया.

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यमन में विद्रोहियों से जारी है लड़ाईतस्वीर: AP

जनरल डेविड पेट्रायस ने राष्ट्रपति अली अबदुल्लाह सालेह को राष्ट्रपति ओबामा की चिट्ठी सौंपी. इस चिट्ठी का विवरण तो नहीं दिया गया है लेकिन यात्रा से पहले वाशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत में पेट्रायस ने कहा था कि अमेरिका यमन को आर्थिक सैन्य और तकनीकी मदद मुहैया कराने के प्रति गंभीर है.

यमन की अपील

Marktstand in San`a, Jemen
सबसे ग़रीब अरब मुल्क है यमनतस्वीर: AP

इससे पहले यमन ने कहा था कि आतंकवाद के ख़िला़फ़ लड़ाई में उसकी भागीदारी बनी रहेगी लेकिन अपने सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित करने और तकनीकी रूप से अत्याधुनिक बनाने के लिए उसे कई तरह के सहयोग की ज़रूरत है. अमेरिका और ब्रिटेन ने कहा है कि यमन को ये मदद दी जाएगी. अमेरिका ने यमन स्थित अल क़ायदा नेटवर्क से जुड़े चरमपंथियों पर विमान उड़ाने की नाकाम साज़िश रचने का आरोप लगाया है.

Soldaten der Al-Shabab-Miliz vor Mogadischu
सोमालिया से भी यमन में होती है घुसपैठतस्वीर: AP

इस बीच यमन के सुरक्षा बल देश के पूर्वी हिस्से में अल क़ायदा के ख़िलाफ़ अभियान के लिए भेजे गए हैं. समझा जाता है कि वहां अल क़ायदा के अड्डे हैं. यमन अरब क्षेत्र का सबसे ग़रीब देश है और चरमपंथ की मुश्किलों के अलावा देश में आबादी तेज़ी से बढ़ रही है और अधिकांश लोग कुपोषण और भुखमरी के शिकार हैं. देश घुसपैठी कोशिशों और अलगाववादी हिंसा से भी जूझ रहा है.

अमेरिका ब्रिटेन की साझा पहल

इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन, यमन और सोमालिया जैसे देशों में आतंकवाद के उभरते ख़तरे से निपटने के लिए साझा रणनीति पर काम करने के लिए तैयार हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन के दफ़्तर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ ब्राउन की जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है उनमें यमन की एक विशेष आतंक निरोधी पुलिस के गठन और उसकी फंडिंग का मुद्दा भी शामिल है. इसके अलावा यमन के तटरक्षक दल को भी सैन्य और तकनीकी मदद मुहैया कराई जाएगी.

सोमालिया में भी एक वृहद शांतिसेना की ज़रूरत बताई गई है और इस बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बात की जाएगी. यमन का पड़ोसी देश सोमालिया भी गृह युद्ध और चरमपंथी हिंसा का शिकार है और समझा जाता है कि अल क़ायदा नेटवर्क से जुड़े आतंकियों के वहां ठिकाने हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी

संपादन: ओ सिंह