मिल कर विवाद सुलझाए आसियान: क्लिंटन
४ सितम्बर २०१२हिलेरी क्लिंटन ने कहा, "हम विश्वास करते हैं कि इस इलाके के देशों को एक साथ काम करना चाहिए और विवादों को बिना मतभेद, बिना डराए धमकाए, बिना जोर जबरदस्ती के सुलझाना चाहिए."
हिलेरी क्लिंटन इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुशीलो बांगबांग युधोयोनो से मिली. क्लिंटन ने कहा, सबसे अहम बात है कि हम ऐसे कूटनीतिक फैसले पर पहुंचें जहां मतभेद के मुद्दों पर एक आसियान और चीन के बीच चर्चा हो.
इससे पहले क्लिंटन इस इलाके में जुलाई के दौरान आई थी लेकिन तब वह आसियान देशों के साथ बातचीत में सहमति नहीं बना पाई थी. 10 देशों वाला समूह यह तय नहीं कर पा रहा था कि वह चीन के साथ कैसे पेश आए.
फिलीपीन्स और वियतनाम दोनों ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह दक्षिण चीन सागर के विवाद पर उन्हें धमकाने की कोशिश कर रहा है. इस इलाके से दुनिया के आधे से ज्यादा माल वाहक जहाज आते जाते हैं.
2010 में वियतनाम यात्रा के दौरान क्लिंटन ने साउथ चायना सी में आने जाने की आजादी के बारे में टिप्पणी कर आसियान देशों को उत्साह दिलाया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस विवाद पर किसी का पक्ष नहीं लेगा. अमेरिका ने हाल ही में चीन को कड़ी चेतावनी भी दी थी कि वह दक्षिण चीन सागर में दूर से किलेबंदी ना करे.
क्लिंटन सप्ताह के आखिर में ब्रुनेई जाएंगी. वह पहली अमेरिकी विदेश मंत्री होंगी जो सभी आसियान देशों की यात्रा करेंगी.
आपसी संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में अमेरिकी विदेश मंत्री ने इंडोनेशिया के बारे में कहा कि वह इस देश को अभी भी सहिष्णुता की अच्छी मिसाल के तौर पर देखती हैं. लेकिन हाल ही के दिनों की घटनाएं चिंताजनक हैं.
एएम/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)