मायावती के फरमान से मंत्री रिक्शे पर
१८ जनवरी २०११मायावती ने एक नया प्रोटोकाल लागू कर दिया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के उन्हीं मंत्रियों को सरकारी सुविधाएं दी जाएंगी जो सरकारी काम से लखनऊ या प्रदेश के किसी जिले में आएंगे. पार्टी के काम से या निजी दौरे पर आए मंत्रियों को न तो वाहन मिलेगा और न ही कम दरों पर सरकारी गेस्ट हाउस मिलेगा. इसी का नतीजा था कि सोमवार को केंद्रीय ग्राम्य विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन को लखनऊ में रिक्शे पर चलना पड़ा. नजारा कुछ इस तरह का रहा कि आगे आगे वह रिक्शे पर चल रहे थे और पीछे पुलिस थी. राज्य सरकार ने जैन को राज्य अतिथि मानने से इंकार कर दिया, इस स्थिति में उन्हें सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. तर्क बिल्कुल सही है लेकिन मंत्री को यह बात ऐसी अखरी कि विरोध में रिक्शे पर बैठ गए.
इस व्यवस्था के लागू होने का ही नतीजा है कि पिछले दिनों राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया और केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री जितिन प्रसाद को भी सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. लेकिन सोमवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब सरकारी वाहन के अभाव में केंद्रीय ग्राम्य विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन वीवीआईपी गेस्ट हाउस से रिक्शे पर बैठकर कांग्रेस कार्यालय गए. सरकारी वाहन न मिलने पर उन्होंने सुरक्षा के लिए मिलने वाले पुलिस दल को भी वापस कर दिया. लेकिन मजबूर पुलिस पीछे पीछे चलती रही. यही नहीं गेस्ट हाउस में उनसे कह दिया गया कि कमरे का पूरा किराया देना पड़ेगा. हालांकि केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को राज्य अतिथि माना गया क्योंकि उन्होंने अपनी यात्रा का मकसद सरकारी बताया था.
प्रदीप जैन के रिक्शे पर चलने के विरोध में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के नेतृत्व में सोमवार को राज्यपाल से मिला और उनसे इस नई व्यवस्था को वापस लेने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया. राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में उनसे कहा गया कि प्रोटोकोल के संबंध में सरकार को अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेने की जगह उन्होंने प्रोटोकाल नियमावली में किए गए परिवर्तनों की जानकारी से अनभिज्ञता व्यक्त की.
यह तो केंद्रीय मंत्रियों के लिए माया सरकार के इंतजाम है. लेकिन खुद मायावती के मंत्री निजी यात्राओं के लिए सरकारी सुविधाओं को निचोड़ने से नहीं चूकते हैं. अपने जन्मदिन के मौके पर मायावती खुद करोड़ों का खर्चा करवाती हैं, शायद उन्हें अपना जन्मदिन सरकारी लगता है.
रिपोर्ट: सुहेल वहीद, लखनऊ
संपादन: ओ सिंह