माओवादी हमले में 13 पुलिसकर्मियों की मौत
२७ मार्च २०१२सुरक्षा बल सीआरपीएफ के जवान महाराष्ट्र के एक गढ़चिरोली जिले से गुजर रहे थे जब माओवादियों ने उन्हें घेर कर एक बारूदी सुरंग फोड़ा. एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक 15 और पुलिसकर्मी हमले में घायल हो गए हैं. पुलिस और अर्धसैन्य बल पूरे इलाके में माओवादियों को ढूंढ रहे थे. लेकिन बारूदी सुरंग के फटने के तुरंत बाद माओवादी वहां से निकल गए और उन्हें अब ढूंढ पाना मुश्किल हो रहा है. सीआरपीएफ प्रवक्ता बीसी खंडूरी ने कहा, "हमला सुबह के करीब साढ़े ग्यारह बजे हुआ जब बस एक विस्फोटक पदार्थ से टकराई. घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है."
सीआरपीएफ अधिकारियों के मुताबिक यह सैनिक पुश्तोला से गट्टा जा रहे थे जब धमाका हुआ. ज्यादातर सैनिकों की वहीं पर मौत हो गई. सीआईपीएफ प्रमुख के विजय कुमार इस वक्त महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. उन्होंने कहा कि वह अब हमले की जगह की जांच के लिए पहुंच रहे हैं. सीआरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि मारे गए जवानों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि और जवानों को विद्रोहियों का सामना करने के लिए भेजा गया है.
पिछले हफ्ते उड़ीसा में माओवादियों ने दो इतालवी पर्यटकों और विधायक झीना हिकाका को अगवा कर लिया था. वे चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगे पूरी करे और आदिवासी इलाकों में पर्यटन पर रोक लगाए. इस हफ्ते एक इतालवी पर्यटक क्लाउदियो कोलैंजेलो को छोड़ दिया गया लेकिन उसके साथी और विधायक को लेकर कोई खबर नहीं है. इस साल जनवरी में झारखंड का दौरे कर रहे पुलिस जवानों पर माओवादी हमला हुआ था जिसें कम से कम 12 पुलिसकर्मी मारे गए. 2010 जून में छत्तीसगढ़ में एक बड़ा माओवादी हमला हुआ था जिसमें 26 पुलिस जवान मारे गए. भारत सरकार का कहना है कि माओवादी विद्रोह भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इससे देश के आर्थिक विकास में बाधाएं आ सकती हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/एएफपी/एमजी
संपादनः आभा मोंढे