माई नेम इज़ ख़ान- बर्लिन में पांच सेंकड में बिकी टिकटें
१२ फ़रवरी २०१०बर्लिनाले में शुक्रवार को पहली बार दिखाई जाने वाली बॉलीवुड़ फ़िल्म के काफ़ी चर्चे हैं.
बॉलीवुड डॉट कॉम ने लिखा है कि फ़िल्म की टिकिटें पांच मिनिट से भी कम में बिक गई जो लोग सुबह छह बजे टिकट खिड़की पर पहुंचे उन्हें सुनने को मिला कि टिकटें बिक चुकी हैं. आप लेट हैं. 2008 में बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में ओम शांति ओम दिखाई गई थी. महोत्सव के अधिकारी का कहना है कि इस साल की बिक्री तो पिछले साल से भी ज़्यादा है.
लोग इसके टिकट ख़रीदने को बेताब हैं. ई बे साइट पर फ़िल्म के टिकट 500 यूरो तक में बिक रहे हैं तो ब्लैक मार्केट में एक हज़ार यूरो यानी 60 हज़ार रुपए.
माई नेम इज़ ख़ान की मुख्य अदाकारा काजोल ने कहा है कि फ़िल्म का बर्लिनाले जैसे "वैश्विक फ़ोरम के दौरान दिखाया जाना बहुत अच्छी बात है और हमें इससे बहुत बड़ा प्लेटफ़ॉर्म मिल रहा है."
"भारत दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों में एक है और हमारे पास बहुत कुछ है जो हम दुनिया को दिखा सकते हैं, दे सकते हैं." काजोल ने कहा.
इस साल बर्लिनाले 60 साल का हो गया है और फ़िल्मों को बेइंतहा चाहने वाले हज़ारों लोग बर्लिन में जुटे हैं, जहां 11 से 21 फ़रवरी तक कई देशों की झांकी फ़िल्मों के ज़रिए दिखाई जाएगी.
बर्लिनाले के बारे में स्टेज एक्टर मारियो एडॉर्फ़ का कहना है, "बर्लिनाले हाल के सालों में काफ़ी आगे बढ़ा है और उसने वेनिस फ़िल्म फ़ेस्टिवल को पीछे छोड़ दिया है और कान फ़िल्म फ़ेस्टिवल को वह कड़ी टक्कर दे रहा है."
बर्लिनाने की शुरुआत चीनी निर्देशक वांग कुनान की फ़िल्म तुआन यूआन यानी अपार्ट टूगैदर से हुई. यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो साम्यवादी चीन में गृहयुद्ध के दौरान भाग कर ताइवान चला गया था लेकिन फिर लगभग पचास साल बाद अपने प्यार की तलाश में वापस चीन आता है.
भव्य बर्लिनाले प्लात्स सिनेमा में फ़िल्म की स्क्रीनिंग के दौरान दुनिया में कला और फ़िल्म जगत के बड़े नाम रेड कारपेट पर उतरे. बर्लिन में ज़बरदस्त सर्दी है और लगातार बर्फ़बारी हो रही है लेकिन अपने सितारों को सामने देख लोग फिसलती ज़मीन पर शिद्दत से खड़े हो कर पूरे जोश से उन्हें आवाज़ लगा रहे थे. सिर्फ़ इस इंतज़ार में कि वे बस एक बार उन्हें देख लें.
वैसे फ़िल्मों के साथ साथ बर्लिनाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी बढ़ावा देता है. व्यापार मेले के रूप में यहां यूरोपीय फ़िल्म मार्केट सजा है जिसके ज़रिए फ़िल्मों के प्रचार प्रसार पर ज़ोर दिया जाता है. भारत से स्टार एंटरटेनमेंट के सैयद फ़ैयाज़ हुसैन बताते हैं, "बर्लिनाले आने का मक़सद यही है कि लोग हमारी फ़िल्मों को जानें. हम बताना चाहते हैं कि भारत में सिर्फ़ लटके झटके वाली फ़िल्में नहीं बनती, बल्कि सार्थक सिनेमा के लिए भी काम हो रहा है."
अभी तो बस शुरुआत है. शुक्रवार रात शाह रुख़ ख़ान की फ़िल्म 'माय नेम इज़ ख़ान' दिखाई जाएगी. काजोल, शाह रुख़ और करण जौहर भी बर्लिन पहुंच रहे हैं. तारीफ़ें बटोर रही देव बेनेगल की फ़िल्म 'रोड मूवी' भी दिखाई जानी है जिसमें अभय देओल और तनिष्ठा चैटर्जी ने काम किया है. साथ ही आमिर ख़ान प्रोडक्शन्स की 'पीपली लाइव' भी दिखाई जाएगी.
रिपोर्टः सचिन गौड़, बर्लिन
संपादनः ए कुमार