मवेशियों के जोड़े बनाने वाला ऐप
१५ फ़रवरी २०१९इस ऐप को टुडर कहा जा रहा है. जाहिर है कि इसका नाम भी टिंडर और उडर को मिला कर बनाया लगता है. इस ऐप के जरिए किसान मनचाहे मवेशी के बारे में जानकारी बड़ी आसानी से जुटा सकते हैं. ऐप उन्हें सेलमाइलाइवस्टॉक नाम की वेबसाइट पर ले जाता है, जहां वे मवेशी की तस्वीर और उससे जुड़ी जानकारियां देख कर उन्हें खरीदने या फिर नहीं खरीदने के बारे में फैसला कर सकते हैं.
सेलमाइलाइवस्टॉक वेबसाइट चलाने वाली कंपनी हेक्टेयर एग्रीटेक के सीईओ डोउ बेयर्नर ने जानकारी दी कि यहां मवेशी के बारे में बताया जाता है कि वो कितना दूध देते हैं, दूध में कितना प्रोटीन होता है, बच्चे पैदा करने की कितनी क्षमता है. डोउ बेयर्नर का कहना है, "मवेशियों की ऑनलाइन जोड़ी बनाना इंसानों की जोड़ी बनाने से कहीं ज्यादा आसान है क्योंकि यहां इन शानदार मवेशियों के बारे में बड़ी सारी जानकारी मौजूद है जो बता सकती हैं कि इनके बच्चे कैसे होंगे."
टुडर को बनाने वाले मानते हैं कि मवेशियों की जोड़ी मिलाने वाला यह दुनिया का पहला ऐप है. इंसानों की तरह ही इन मवेशियों के लिए भी किसान स्मार्टफोन पर दिए विकल्पों में चुनते हैं कि उन्हें मादा की तलाश है या नर की, उसके बाद तस्वीरें देखते हैं. तस्वीरों पर राइट क्लिक हां का संकेत है और लेफ्ट क्लिक ना का. यह सिलसिला चलता रहता है जब तक उन्हें मनपसंद मवेशी नहीं मिल जाता.
बड़ी आसानी से डाली गई जानकारी किसानों को उनके देश के सारे मवेशियों से जोड़ देती है और उनके लिए उन्हें खरीदना या बेचना आसान हो जाता है.
किसान जेम्स ब्रिजर टुडर का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनका कहना है कि इससे मवेशियों की ढुलाई का तनाव घट जाता है और यह पारंपरिक बाजारों के लिए चुनौती पैदा कर सकता है. ब्रिजर ने कहा, "आपको इसकी पृष्ठभूमि के बारे में और वो सारी जानकारी मिल जाती है जो बाजार में होने के बावजूद आपके लिए हर मवेशी के बारे में उसे जुटा पाना संभव नहीं होता. इसके अलावा मवेशियों को उनके प्राकृतिक आवास या फिर घर में देखने से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता."
ऐप लॉन्च करने वाली वेबसाइट ने बीते साल 6.4 करोड़ डॉलर के मवेशी, उनका चारा और बेडिंग बेचने के लिए अपनी वेबसाइट पर डाली. इसे इस्तेमाल करने वाले किसानों का कहना है कि दुनिया फार्मिंग को चाहे जैसे देखे लेकिन वास्तव में यह तकनीक से जुड़ी है.
एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)