मल्लेश्वरी ने कहा, सचिव को बर्खास्त करो
२६ जुलाई २०१०मल्लेश्वरी का कहना है कि उन्होंने कोच रमेश मल्होत्रा पर बार बार आरोप लगाया और इस मामले में फरियाद की लेकिन भारोत्तोलक संघ के सचिव सहदेव यादव ने कोई सुनवाई नहीं की. इसलिए उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. भारतीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन की वाइस प्रेसीडेंट बन चुकीं मल्लेश्वरी ने कहा कि यादव जैसे सचिवों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाना चाहिए, ताकि बाद में मल्होत्रा जैसे कोचों को जगह न मिल पाए. मल्होत्रा को यौन शोषण के आरोपों के बीच निलंबित कर दिया गया है.
साल 2000 में भारत के लिए ओलंपिक का पहला वेटलिफ्टिंग पदक जीतने वाली मल्लेश्वरी का कहना है, "सिर्फ कोच को सस्पेंड कर देना काफी नहीं है. फेडरेशन के सचिव को भी बर्खास्त किया जाना चाहिए क्योंकि बार बार शिकायत के बाद भी उन्होंने मल्होत्रा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. अगर उन्हें हटाया नहीं गया तो मल्होत्रा जैसे लोग फिर से कोच बन सकते हैं."
उन्होंने कहा कि फरवरी में जब उन्होंने मल्होत्रा के खिलाफ शिकायत की, तो उन्हें भरोसा दिया गया कि कार्रवाई होगी. नाराज मल्लेश्वरी ने कहा, "कार्रवाई तो छोड़िए, उनका नाम द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए भेजा गया."
मल्लेश्वरी का दावा है कि कोच मल्होत्रा ने जूनियर वेटलिफ्टरों के साथ यौन शोषण किया है. उनके इस आरोप के बाद मल्होत्रा को निलंबित कर दिया गया है. मल्लेश्वरी का कहना है कि वह 10 साल से ऐसा कर रहे थे. हालांकि उन्होंने किसी खिलाड़ी का नाम नहीं बताया है. यह पूछे जाने पर कि आखिर इतने साल बाद उन्होंने इस बात का खुलासा क्यों किया, मल्लेश्वरी का कहना है, "मैं जो कुछ भी कह रही हूं, वह किसी से छिपा नहीं है. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से लेकर सीनियर कोच और फेडरेशन हर कोई इस बात को जानता है."
हालांकि रमेश मल्होत्रा इन आरोपों से इनकार करते हैं और कहते हैं कि ये सब आरोप उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाए जा रहे हैं. उन्होंने यह नहीं बताया कि इतने साल बाद कोई उनकी छवि को क्यों नुकसान पहुंचाना चाहेगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः वी कुमार