ममता को सीपीएम पर शक
२२ जुलाई २०१०ममता बनर्जी कोलकाता में 21 जुलाई के शहीद दिवस की परंपरागत तृणमूल रैली को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि वह इस्तीफ़ा देने के लिए राज़ी हो जाएंगी, अगर सीपीएम गारंटी देती है कि वह तोड़फ़ोड़ का रास्ता छोड़ देगी. इससे पहले ममता दो बार केंद्रीय मत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे चुकी हैं. लेकिन इस बार उन्होंने कहा है कि वह सीपीएम के फंदे में नहीं फंसने वाली हैं.
1993 में 21 जुलाई को पुलिस की गोली से युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. उस दिन की याद में तृणमूल कांग्रेस की ओर से शहीद दिवस की रैली का आयोजन किया जाता है. हाल में स्थानीय निकायों में तृणमूल की जीत के बाद इसे विजय दिवस के रूप में मनाया गया. विशाल रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने सीपीएम पर आरोप लगाया कि वह तोड़फ़ोड़ की योजना बना रही है. खाने में तिलचट्टे डालकर वह रेल विभाग को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. सीपीएम की साज़िशों के सबूत के रूप में उन्होंने कहा कि ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस की दुर्घटना 28 मई को कोलकाता नगर निगम के चुनाव से ठीक दो दिन पहले हुई थी. सांइथिया एक्सप्रेस की दुर्घटना भी शहीद दिवस से पहले हुई. इसके अलावा दोनों दुर्घटनाएं रात को दो बजे हुई.
ममता ने कहा कि मार्क्सवादी विकास नहीं, रेलवे लाइन की फ़िशप्लेट खोलने की योजनाएं बना रहे हैं. वे तोड़फ़ोड़ की वैज्ञानिक योजनाएं बनाते हैं. ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के हादसे के बाद उन्होंने पोस्टर लगाए थे कि यह दुर्घटना थी. रेलमंत्री ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि कौन इनके पीछे था. ये सरासर तोड़फ़ोड़ के मामले हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ए कुमार