मंडेला का भारत से जुड़ाव
६ दिसम्बर २०१३भारत रत्न नेल्सन मंडेला. भारत का सबसे बड़ा सम्मान पाने वाले नेल्सन मंडेला भारतीय उप महाद्वीप के बाहर के पहले शख्स बने, जब 1990 में उन्हें यह सम्मान दिया गया. हालांकि इससे पहले पाकिस्तान के खान अब्दुल गफ्फार खान को भी यह सम्मान दिया जा चुका था, लेकिन सरहदी गांधी का जन्म अविभाजित भारत में हुआ था. मदर टेरेसा को भी इस सम्मान से नवाजा गया, लेकिन मदर टेरेसा के पासो भी भारत की नागरिकता थी.
औपनिवेशिक इतिहास की वजह से भारत का दक्षिण अफ्रीका के साथ सदियों पुराना रिश्ता रहा है. उन्नीसवीं सदी में भारतीय मजदूर दक्षिण अफ्रीका पहुंचे, तो उनसे काम कराने के अलावा उन्हें 'कुली' कह कर पुकारा जाने लगा. उनके पास बहुत सीमित अधिकार थे. लगभग 50 साल के बाद महात्मा गांधी ने इसके खिलाफ आवाज उठाई. लेकिन गांधी भारत से जुड़ाव की वजह से कुछ साल बाद अपने वतन लौट आए और अपना संघर्ष भारत में आगे बढ़ाया.
दूसरी तरफ अफ्रीका में अश्वेतों के साथ अपमानजनक सलूक होता रहा. वहां अश्वेतों और भारतीय मूल के लोगों के साथ अन्याय जारी रहा. इसके खिलाफ 20वीं सदी के दूसरे हिस्से में नेल्सन मंडेला ने आवाज उठाई. किसी जमाने में हिंसा में विश्वास रखने वाले मंडेला बाद में गांधी के बताए अहिंसा के रास्ते पर चले और यहीं से उन्हें विशाल कामयाबी मिलनी शुरू हुई. यह मंडेला का संघर्ष था कि जब दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों को वोट देने का अधिकार मिला, तो वहां बड़ी संख्या में रह रहे भारतीयों को भी यह हक दिया गया.
रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने वालों में गांधी के बाद अगर किसी का नाम जेहन में आता है, तो वह मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला ही हैं. सौम्य चेहरे पर हमेशा ऊर्जा बनी रहती और हवा में लहराती दाहिने हाथ की मुट्ठी बंधी होती. मंडेला के एक एक शब्द में जादू हुआ करता और लोग उनकी बातों पर मुग्ध हुआ करते. भारत के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने कई बार मंडेला का जिक्र किया. उन्होंने एक बार अपने फेसबुक पेज पर लिखा, "नेल्सन मंडेला आधुनिक समय में दुनिया में आने वाले सबसे महान लोगों में शामिल हैं. एक शांत और अपने धुन के पक्के इंसान, जिन्होंने अपने पर विश्वास करते हुए संघर्ष किया."
मंडेला इस दुनिया में एक युग के तौर पर जाने जाएंगे. दक्षिण अफ्रीका का इतिहास उनके पहले और उनके बाद के काल के तौर पर तय किया जाएगा. वह किसी सरहद में बंधने वाले शख्स नहीं. भारत रत्न के बाद उन्हें पाकिस्तान का सबसे बड़ा सम्मान निशाने पाकिस्तान भी मिला. मंडेला भारत के भी थे, पाकिस्तान के भी. वह चीन और अमेरिका के भी थे. पूरी दुनिया के थे...
ब्लॉगः अनवर जे अशरफ
संपादनः आमिर अंसारी