भारत ही नहीं वियतनाम में भी सरकार विरोधी पोस्ट पर हो रही जेल
२८ नवम्बर २०१९वियतनाम में व्यापक आर्थिक सुधार और सामाजिक परिवर्तन के लिए खुलेपन के बावजूद पार्टी आलोचनाओं को सहन नहीं कर रही है. 2016 में एक बार फिर से चुने जाने के बाद इसके नेता ग्यूयेन फू ट्रॉन्ग ने सरकार की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट एक्टिविस्टों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. एमनेस्टी समूह के एक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट करने की वजह से इस साल कम से कम 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया या दोषी ठहराया गया. इसी तरह के आरोप में अन्य 12 राजनीतिक कैदियों को भी सलाखों के पीछे रखा गया है.
वियतनाम न्यूज एजेंसी (वीएनए) के अनुसार कम्युनिस्ट पार्टी और वियतनामी सरकार को बदनाम करने वाली जानकारी फैलाने के आरोप में उत्तरी प्रांत के थान होआ के 54 वर्षीय एक्टिविस्ट फाम वान डीप को नौ साल के लिए जेल में भेजा गया. वीएनए ने आगे लिखा, "व्यक्ति ने देश की नीतियों के बारे में फर्जी और आधारहीन खबरें भी फैलाईं, जिसके कारण फेसबुक यूजर्स और देशवासियों ने पार्टी और सरकार को गलत समझा." यह पोस्ट अप्रैल 2014 और जून 2019 के बीच अपलोड किया गया था. इससे पहले व्यक्ति को लाओस में 2016 में वियतनाम विरोधी लेख को प्रसारित करने के लिए 21 महीने के लिए जेल में रखा गया था.
इस महीने तीसरी गिरफ्तारी
डीप इस महीने जेल में बंद किए गए तीसरे व्यक्ति हैं. इससे पहले 15 नवंबर को इसी तरह फेसबुक पर सरकार विरोधी पोस्ट के लिए एक संगीत शिक्षक को 11 साल के लिए जेल में बंद कर दिया गया और 38 साल के एक अन्य वयक्ति को 33 लाइव वीडियो प्रसारित करने के लिए जेल भेज दिया गया. कोर्ट ने कहा, "वीडियो प्रसारित करने का उद्देश्य राष्ट्रीय छुट्टियों के दौरान लोगों को विरोध-प्रदर्शन में शामिल कराना था." पिछले महीने 54 साल के एक आर्किटेक्ट को इसी तरह के सरकार विरोधी फेसबुक पोस्ट के लिए जेल भेज दिया गया था.
वियतनाम में फेसबुक काफी लोकप्रिय है. इसका इस्तेमाल राजनीतिक असंतोष की अभिव्यक्ति और ई-कॉमर्स दोनों कामों के लिए होता है. मई महीने में फेसबुक ने कहा कि वियतनाम में उसने छह गुना अधिक कंटेंट को बूस्ट किया था जिस पर 2018 के अंतिम छह महीने में रोक लगा दी गई. एमनेस्टी इंटरनेशनल और न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच ने वियतनाम से स्वतंत्र प्रकाशकों पर कार्रवाई करने पर रोक लगाने का आग्रह किया है और साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने की निंदा की है. समूह ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई ने वियतनाम में डर के माहौल को बढ़ावा दिया है.
भारत में भी फेसबुक लिखने पर हुई है गिरफ्तारी
सरकार विरोधी पोस्ट लिखने पर सिर्फ वियतनाम में ही एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है बल्कि भारत में भी अकसर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं. कुछ महीनों पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर 'टिप्पणी' करने के आरोप में पुलिस ने पत्रकार प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार कर जेल में भेज दिया था.
मणिपुर में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर टिप्पणी करने को लेकर पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को 133 दिन जेल में रहना पड़ा था. मणिपुर सरकार ने उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा दिया था. ऑनलाइन पत्रकारिता करने, ब्लॉग लिखने या फिर सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने वालों को अकसर निशाना बनाया जाता है. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन में 'नमक-रोटी' परोसे जाने की खबर सामने लाने पर पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
रवि रंजन/आरपी (रॉयटर्स)
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