भारत में हर साल करीब दो लाख कैंसर के मामले
आईसीएमआर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल कैंसर के कम से कम 1,90,000 मामले सामने आ रहे हैं. इन मामलों का अध्ययन करने पर और भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.
फैलता कैंसर
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) के तहत देश में 2012 से 2019 तक कैंसर के कुल 13,32,207 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 6,10,084 मामलों का विश्लेषण किया गया.
पुरुषों में ज्यादा
इन 6,10,084 मामलों में से 3,19,098 (52.4%) मामले पुरुषों में पाए गए और 2,90,986 (47.6%) मामले महिलाओं में.
कुछ विशेष कैंसर महिलाओं में ज्यादा
थॉयराइड कैंसर (एक प्रतिशत पुरुष बनाम 2.5 प्रतिशत महिलाओं में) और गॉल ब्लैडर कैंसर (2.2 पुरुष बनाम 3.7 महिलाओं में) के मामले महिलाओं में ज्यादा पाए गए.
स्त्री-रोग के कैंसर ज्यादा
महिलाओं में कैंसर के कुल मामलों में आधे से ज्यादा मामले स्त्री-रोग संबंधी कैंसर के पाए गए. इनमें स्तनों का कैंसर भी शामिल है.
सर और गर्दन के कैंसर
पुरुषों में कैंसर के कुल मामलों में लगभग एक तिहाई (31.2 प्रतिशत) मामले सर और गर्दन के इलाके के पाए गए.
तंबाकू बड़ा कारण
तंबाकू कैंसर का एक बड़ा कारण पाया गया. पुरुषों में कैंसर के कुल मामलों में से 48.7 प्रतिशत मामलों का तंबाकू के इस्तेमाल से संबंध पाया गया. महिलाओं में यह अनुपात 16.5 प्रतिशत पाया गया.
मध्य आयु वाले सबसे ज्यादा प्रभावित
सबसे ज्यादा कैंसर के मामले 45 से 64 साल की उम्र के लोगों के बीच में पाए गए. बस पुरुषों के प्रोस्टेट कैंसर के ज्यादा मामले 65 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में पाए गए.
बच्चे भी पीड़ित
अध्ययन के मुताबिक सभी तरह के कैंसर के कुल मामलों में से 7.9 मामले बच्चों में पाए गए.
कीमोथेरेपी पर निर्भरता
कैंसर चाहे किसी भी अंग का हो और शरीर में कितना भी फैला हुआ हो, कीमोथेरेपी को ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले इलाज के रूप में पाया गया.