भारत में रेल किराया नहीं बढ़ा
२५ फ़रवरी २०१०लोकसभा में रेल बजट पेश करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "मैं आम आदमी के प्रति प्रतिबद्ध हूं." रेल बजट को परंपरागत रूप से आम बजट का रुख़ दिखाने वाला समझा जता है. इस साल का आम बजट शुक्रवार को पेश किया जाएगा और उम्मीद की जा रही है कि उसमें सरकार के लोकलुभावन एजेंडा को जारी रखा जाएगा.
इस बार रेल बजट में न तो यात्री किराया बढ़ाया गया है और न ही माल भाड़ा में ही वृद्धि की गई है. ममता बनर्जी ने कहा, हमारा उद्देश्य सबों के लिए समग्र विकास है, हमारा लक्ष्य संपर्क के साथ देश को एक करना है. ग़ैर सरकारी एयरलाइनों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद भारत की 120 करोड़ आबादी के लिए रेल लम्बी दूरी की यात्रा का एकमात्र साधन है.
रेल मंत्री ने यात्रियों के लिए हाई स्पीड रेलगाड़ियों का गलियारा बनाने की योजना की घोषणा की है. इसके लिए राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल प्राधिकरण बनाया जा रहा है. ममता बनर्जी ने कहा कि नई रेल सेवा आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी और छोटे शहरों के विकास में तेज़ी लाएगी.
भारत के पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी चीन ने पहले से ही तेज़ रेल सेवा शुरू कर दी है. वह 2012 तक 13,000 किलोमीटर का हाई स्पीड नेटवर्क बनाने की योजना पर काम कर रहा है.
रेल मंत्री ने रेलगाड़ियों की सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है और रेल का निजीकरण किए जाने की संभावनाओं से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि वे "सामाजिक ज़िम्मेदारी और आर्थिक ज़िम्मेदारी" को प्राथमिकता देती हैं.
भारतीय रेल लाइनों का 1 लाख 9 हज़ार किलोमीटर का नेटवर्क है और हर दिन लगभग 2 करोड़ लोग रेलगाड़ियों से सफ़र करते हैं. वह देश की सबसे अधिक रोज़गार देने वाली कंपनी भी है. रेल की आमदनी का बड़ा हिस्सा मालों के परिवहन से आता है. 66 फ़ीसदी आय मालवहन से और 27 फ़ीसदी यात्री परिवहन से. उसकी एक तिहाई आय कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होती है जबकि आय का 13 फ़ीसदी पेंशन मद पर और 17 फ़ीसदी ईंधन पर व्यय होता है.
भारतीय रेल के 2010-2011 के बजट में मालवहन से होने वाली आय में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि का आकलन है.पिछले साल इस मद में 58,715 करोड़ रुपये की आय हुई थी. यात्री परिवहन में किराया न बढ़ाने के बावजूद आय में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26,127 करोड़ रुपये की आमदनी का अनुमान है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: अनवर जे अशरफ़