"भारत-चीन को दुनिया देखती है"
१५ जुलाई २०१४भारत और चीन के शीर्ष नेताओं के बीच हुई बातचीत में सीमा विवाद की भी चर्चा हुई. नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने माना कि लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद का मित्रतापूर्वक हल खोजने की जरूरत है. ब्राजील के फोर्टालेजा में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मोदी और शी सोमवार शाम पहुंचे. दोनों नेता करीब करीब एक ही वक्त पहुंचे.
लंबी यात्रा की थकान के बावजूद दोनों नेताओं ने अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ मुलाकात की. 40 मिनट की तय मुलाकात करीब 80 मिनट चली. दोनों पक्षों ने इसे "अच्छी चर्चा और अच्छी मुलाकात" बताया. दोनों पक्षों के बीच कारोबार, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत हुई. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने चीनी राष्ट्रपति का बयान दोहराते हुए कहा, "जब भारत और चीन मिलते हैं, तो दुनिया हमें देखती है."
चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक राष्ट्रपति शी ने भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद कहा, "दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय नियम तय करने के लिए हाथ मिलाने चाहिए ताकि विकासशील देशों की आवाज ऊंची की जा सके."
चीन नए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीदों के साथ देख रहा है. मई 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से दोनों पक्षों के बीच बातचीत ज्यादा हो रही है. शी ने मोदी के शपथ ग्रहण में अपने विशेष दूत को भेजा था. दोनों पक्षों के बीच मई से अब तक तीन बार बैठक हो चुकी है. हाल ही में भारत के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और थल सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह भी चीन जा चुके हैं और चीनी विदेश मंत्री भारत आए हैं. सितंबर में राष्ट्रपति शी भारत का दौरा करेंगे. मोदी ने भी चीन का न्योता स्वीकार किया है.
ब्रिक्स की धमक
मंगलवार को शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में शी और मोदी के अलावा ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा भी हिस्सा ले रहे हैं. माना जा रहा है कि पांचों देश न्यू डेवलपमेंट बैंक नाम के अंतरराष्ट्रीय विकास बैंक की स्थापना का एलान करेंगे.
बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ अब चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है. न्यू डेवलपमेंट बैंक, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को चुनौती देगा. चीन एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर बैंक बनाने की भी तैयारी कर रहा है.
चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक चीन विकासशील देशों के अधिकारों को सशक्त आवाज देना चाहता है. दक्षिण अमेरिकी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में शी जिनपिंग ने कहा, "हम अंतरराष्ट्रीय गवर्नेंस के सिस्टम को परफेक्ट बनाने की दिशा में बढ़ेंगे और तत्परता के साथ प्रतिनिधित्व बढ़ाएंगे और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विकासशील देशों के अधिकारों की बात करेंगे."
हालांकि विकास बैंक के मामले में चीन के इरादों पर शक भी जताया जा रहा है. भारत को यह आशंका है कि चीन नए न्यू डेवलपमेंट बैंक का इस्तेमाल अपने हितों को साधने के लिए कर सकता है. चीनी राष्ट्रपति ने भरोसा दिलाया है कि बीजिंग ऐसा नहीं करेगा.
पश्चिमी देशों को खरी खरी
दक्षिण चीन सागर जैसे विवाद की आड़ में पश्चिम पर तंज कसते हुए चीनी राष्ट्रपति ने कहा, "चीन के लोग शांति से प्यार करते हैं. चीन के लोगों के खून में दूसरों पर आक्रमण या दुनिया को अपने प्रभुत्व में लेने के जीन नहीं है. चीन उस पुरानी धारणा को नहीं मानता जो कहती है कि मजबूत देश को प्रभुत्व में होना चाहिए." ब्रिक्स सम्मेलन के बाद चीनी राष्ट्रपति कारोबार के सिलसिले में अर्जेंटीना, क्यूबा और वेनेजुएला जाएंगे.
ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स, पीटीआई, एएफपी)