भारत के राहतकर्मियों को वीजा नहीं
२४ अगस्त २०१०पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सुझाव दिया था कि बाढ़ग्रस्त इलाकों की मदद के लिए आ रहे अंतरराष्ट्रीय राहतकर्मियों को तीन महीने का 'राहत वीजा' दिया जाए. लेकिन पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र में साफ कह दिया है कि यह सुविधा इस्राएल और भारत से आ रहे राहतकर्मियों को नहीं दी जाएगी. विदेश मंत्रालय से यह भी कहा गया कि वह इस बारे में पाकिस्तान के सारे दूतावासों को सूचित कर दिया जाए.
हालांकि पाकिस्तान ने लंबे ना नुकुर के बाद भारत से मदद ली, भारत से लाहौर पहुंचे कई शांति कार्यकर्ताओं ने वहां के लोगों से बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद जमा करने की कोशिश की है. भारत सरकार ने पाकिस्तान को राहत के लिए 50 लाख डॉलर भेजे हैं. शुरुआत में पाकिस्तान ने इसे स्वीकार करने से मना किया था लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका के दबाव पर उसने इसे स्वीकार कर लिया. इस वक्त अमेरिका, जापान और पश्चिमी देशों से हजारों राहतकर्मी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पाकिस्तान पहुंच गए हैं. अमेरिकी हेलिकॉप्टरों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया जा सका है. पाकिस्तान में 80 साल की सबसे भयंकर बाढ़ से दो लाख लोगों पर असर पड़ा है.
राहत को लेकर पाकिस्तान के रवैये की आलोचना की जा सकती है. लेकिन पाकिस्तान के इस कदम में कुछ भी नया नहीं है. भारत पाकिस्तान के रिश्तों की वजह से दोनों देश एक दूसरे के नागरिकों को वीजा देने में कतराते हैं. जहां तक इस्राएल का संबंध है, मुस्लिम राष्ट्रों में फलीस्तीन के मुद्दे पर उससे अनबन बनी रहती है. कई मुस्लिम राष्ट्र इस्राएल को मान्यता नहीं देते और उससे किसी तरह का रिश्ता नहीं रखना चाहते.
रिपोर्टःपीटीआई/एम गोपालकृष्णन
संपादनः ए जमाल