'बॉलीवुड में किस्मत जरूरी'
१९ जनवरी २०१३गौतम घोष की नई फिल्म शून्य अंको (एक्ट जीरो) के म्यूजिक रिलीज के लिए कोलकाता आईं कोंकणा ने डायचे वेले को अपने करियर और पसंद के बारे में कई सवालों के जवाब दिए. पेश हैं उस बातचीत के मुख्य अंशः
डॉयचे वेले: आजकल आप फिल्मों में कम नजर आ रही हैं. लंबे अरसे बाद आपकी कोई बांग्ला फिल्म रिलीज हो रही है?
कोंकणा: दरअसल, अभी कम फिल्में ही हाथ में ले रही हूं. लेकिन शून्य अंको के बाद गयनार बाक्स (गहने का बाक्स) और शेषेर कविता (अंतिम कविता) रिलीज होगी.
फिल्मों के चयन के मामले में आप शुरू से ही बेहद सावधानी बरतती रही हैं. शून्य अंको में अभिनय के लिए हामी कैसे भरी ?
पहली वजह तो यह थी कि यह गौतम घोष की फिल्म थी. मेरी मां अपर्णा सेन ने जब मिस्टर एंड मिसेज अय्यर बनाई थी तो गौतम घोष उसके सिनेमाटोग्राफर थे. उनके साथ काम करने का मतलब बहुत कुछ सीखना है. इसके अलावा इसकी कहानी मुझे काफी जंची थी.
इस फिल्म में आपका किरदार कैसा है ?
मैंने इस फिल्म में राका विश्वास नाम की एक पत्रकार का किरदार निभाया है.
आप तो इससे पहले पेज थ्री में भी पत्रकार की भूमिका निभा चुकी हैं. दोनों में क्या समानता है ?
पेशा एक होने के बावजूद यह दोनों भूमिकाएं एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. यह भिन्नता फिल्म देखने के बाद ही समझ में आएगी. इस फिल्म में सामाजिक रुप से जिम्मेदार पत्रकार का किरदार कई मायनों में संपूर्ण है क्योंकि यह पात्र एक आदर्श व्यक्ति है.
बालीवुड में आपकी अगली फिल्म कौन सी है ?
मैं कन्नन अय्यर की फिल्म एक थी डायन में आ रही हूं. लेकिन मैंने उसमें डायन की भूमिका नहीं निभाई है. यह फिल्म अप्रैल में रिलीज होगी. इसके अलावा अनंत महादेवन की फिल्म गौरहरि दास्तान में मैंने साठ साल की वृद्धा की भूमिका निभाई है. यह फिल्म स्वाधीनता आंदोलन पर केंद्रित है.
एक थी डायन कैसी फिल्म है ?
यह एक सुपर नेचरल थ्रिलर है. मैं शुरू से ही ऐसी किसी फिल्म में काम करना चाहती थी. लेकिन मौका इस फिल्म ने दिया.
हिंदी फिल्मों में कामयाबी के लिए क्या जरूरी है ?
मुझे लगता है कि इसके लिए अभिनय प्रतिभा के साथ किस्मत भी जरूरी है. किसी के लिए किस्मत अहम भूमिका निभाती है तो किसी के लिए उसकी प्रतिभा.
आप अपनी मां की फिल्म में फिर कब आ रही हैं ?
देखिए, मां होने का मतलब यह नहीं है कि उनकी हर फिल्म में मैं ही काम करूंगी. हां, जब भी मेरे लायक कोई भूमिका होगी, मैं जरूर करूंगी. उम्मीद है कि ऐसा मौका जल्दी ही आएगा.
इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता