बुजुर्ग छात्र को सलाम
70 साल के दुर्गा कामी नेपाल के सबसे बुजुर्ग छात्र हैं. दलित होने की वजह से बचपन में उन्हें पढ़ाई का मौका नहीं मिला. फिर बाल बच्चों की जिम्मेदारियां आ गई. अब फुर्सत मिली है और दुर्गा ज्योति की तरह जगमगा रहे हैं.
दृढ़ इच्छाशक्ति
मध्य नेपाल के फेडीखोला में रहने वाले 68 साल के दुर्गा कामी हर दिन स्कूल जाते हैं. 2001 में पत्नी के निधन के बाद दुर्गा सुबह घर का सारा काम काज अकेले करते हैं और फिर स्कूल के लिए तैयार होते हैं.
कई किलोमीटर का सफर
साफ सुथरी यूनिफॉर्म पहनकर दुर्गा रोज कई किलोमीटर पैदल चलते हैं और स्कूल पहुंचते हैं. गांव से उनका स्कूल दूर है, इसके बावजूद दुर्गा हर दिन श्रीकाल भैरब हायर सेकेंडरी स्कूल जाते हैं. रास्ते में अक्सर उनकी मुलाकात अपने 14 साल के सहपाठी सागर थापा से भी होती है.
धीरे धीरे हाईस्कूल
दुर्गा को पढ़ना लिखना बिल्कुल नहीं आता था. लेकिन स्कूल में दाखिला लेने के बाद अब दुर्गा 10वीं पढ़ रहे हैं. वह बोर्ड का पर्चा भर चुके हैं. टीचरों के मुताबिक बुजुर्ग छात्र काफी मन लगाकर पढ़ाई करते हैं. अगर कुछ समझ में नहीं आता तो वे बेझिझक दूसरे बच्चों और टीचरों से पूछते हैं.
टीचर भी आनंदित
स्कूल के प्रिंसिपल और बाकी टीचरों को भी दुर्गा को देखकर बेहद खुशी होती हैं. दुर्गा की उम्र कई टीचरों के पिता के बराबर है. लिहाजा क्लास में उनके साथ एक बेहद भावुक नाता बनता है.
बच्चों जैसे दुर्गा
इंटरवल के दौरान या खेलकूद के दौरान भी दुर्गा लोगों को हैरान करते हैं. बच्चों के साथ वॉलीबॉल सीखने के बाद अब वह गजब का वॉलीबॉल खेलते हैं. पहाड़ी पगडंडियों पर चलने के लिए भले ही वह लाठी का सहारा लें लेकिन वॉलीबॉल खेलते हुए वह उम्र को काफी पीछे छोड़ देते हैं.