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बातचीत पर हथियार नहीं डालेंगे: उल्फ़ा

२६ अक्टूबर २००९

भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन उल्फ़ा ने केंद्र से बातचीत की पेशकश की है लेकिन साथ ही कहा है कि वह हथियार नहीं डालेंगे. उल्फ़ा से जारी बयान में यह बात कही गई है.

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उल्फ़ा पर कई हमलों के आरोपतस्वीर: AP

उल्फा ने केंद्र सरकार से बातचीत की ये पेशकश मीडिया के ज़रिए की है. मीडिया में जारी किए गए एक पत्र में उल्फ़ा के अध्यक्ष अरबिंदा राजखोवा ने कहा कि, "हम मुद्दे का राजनीतिक हल चाहते हैं. हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन हथियार नहीं डालेंगे. अगर केंद्र नागा गुट के साथ बातचीत कर सकता है तो हमारे साथ क्यों नहीं."

राजखोवा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार असम की समस्या का राजनीतिक हल ढूंढना ही नहीं चाहती और कई गुटों से अलग अलग पैमानों के साथ बात कर रही है. उनका दावा है कि भारत की सरकार नागा गुट के साथ बातचीत कर रही है जिन्होंने हथियार नहीं डाले हैं लेकिन उल्फ़ा के साथ बातचीत के लिए तैयार नहीं है साथ ही ज़ोर दे रही है कि उल्फ़ा हथियार डाले.

1979 से चल रहे अलगाववादी संगठन उल्फ़ा आरोप है कि केंद्र का असम के प्रति हमेशा से नकारात्मक रवैया रहा है और राज्य की समस्याएं सुलझाने में उसकी कोई रुचि नहीं है. 2006 में उल्फ़ा के साथ बातचीत के लिए पीपल्स कंसल्टेटिव ग्रुप यानी पीसीबी का गठन किया गया था लेकिन फिर तीन दौर की बातचीत के बाद इसे बंद कर दिया गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ओ सिंह