फुटबॉल: सबसे बड़े खेल का बड़ा घोटाला
2010 में घोषणा हुई कि विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ने कतर को 2022 का मेजबान देश चुना है. फिर एक के बाद एक खुलने लगीं दुनिया भर में देखे जाने वाले इस सबसे लोकप्रिय खेल के आयोजन की कलई.
'2010'
दिसंबर 2010 में फीफा ने ज्यूरिष में कतर को 2022 फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी के लिए चुने जाने की घोषणा की. फुटबॉल के 22वें विश्व कप मुकाबले के आयोजनकर्ता के रूप में कतर के चुनाव को लेकर काफी हैरानी देखने को मिली. चुनाव की प्रक्रिया में कुल 22 में से 14 वोट कतर के पक्ष में पड़े थे.
'2011'
जनवरी 2011 में ब्लाटर कतर की राजधानी दोहा में एशियाई खेलों के आयोजन के पहले एक कार्यक्रम में पहुंचे और टूर्नामेंट के "जाड़ों में होने" की उम्मीद जताई. 2018 और 2022 दोनों विश्व कप के लिए मेजबानों के चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोपों ने मई 2011 में सिर उठाना शुरु किया. एक व्हिसलब्लोअर फेड्रा अलमजीद ने दावा किया कि इसके लिए कतर के पक्ष में वोट डालने के लिए फीफा की कार्यकारी समिति को पैसे दिए गए.
'2013'
सितंबर 2013 में यूरोपीय फुटबॉल की संचालक संस्था यूएफा के 54 सदस्यीय दल ने पारंपरिक रूप से जून-जुलाई महीनों में आयोजित होने वाले टूर्नामेंट के समय को बदलने का समर्थन किया. नवंबर में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने वर्ल्ड कप के आयोजन से जुड़े निर्माण कार्यों में चल रहे "मानवाधिकारों के हनन" का पर्दाफाश किया. मानव "शोषण के खतरनाक स्तर" पर एमनेस्टी की रिपोर्ट जारी हुई.
'2014'
जून में ब्राजील विश्व कप के दौरान फीफा पर 2022 का नया मेजबान चुनने का दबाव बढ़ गया. अमेरिकी वकील मिशेल गार्सिया की अध्यक्षता वाले दल ने फीफा पर लगे आरोपों की जांच शुरु कर दी थी. गार्सिया की फाइनल रिपोर्ट को कानूनी पेंच में उलझाकर फीफा ने जारी नहीं होने दिया. नवंबर में फीफा ने ही स्विस अटॉर्नी के पास कुछ लोगों के खिलाफ 2018, 2022 मेजबानी मामले में "संभावित गड़बड़ी" की शिकायत दर्ज की.
'2015'
24 फरवरी को फीफा विश्व कप टास्क फोर्स ने प्रस्ताव दिया कि 2022 मुकाबले कतर में ही जाड़ों में आयोजित किए जाएं. 17 सालों से फीफा प्रमुख रहे ब्लाटर के साथ काम करने वाले कई वरिष्ठ अधिकारियों को 27 मई को साजिश और भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों के अंतर्गत स्विस अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया और फीफा के ज्यूरिष मुख्यालय पर छापे मारे. व्यक्तिगत रूप से ब्लाटर के खिलाफ अब तक कोई आरोप तय नहीं हुआ है.