फुटबॉल और ब्राजील का गुस्सा
१९ जून २०१३ब्राजील के शहरों में भ्रष्टाचार, पुलिस दमन और खस्ताहाल सार्वजनिक सेवाओं के खिलाफ लाखों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन की वजह मुख्य रूप से फुटबॉल वर्ल्ड कप के आयोजन पर किए जा रहे अरबों डॉलर का खर्च है. मंगलवार को भी देश के बड़े शहरों साओ पाओलो और रियो में दसियों हजार लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी हुई. एक टेलिविजन ओबी वैन और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी गई.
लोग आरोप लगा रहे हैं कि फुटबॉल वर्ल्ड कप और ओलंपिक खेलों से पहले अरबों डॉलर स्टेडियम बनाने पर खर्च किए जा रहे हैं लेकिन सार्वजनिक सेवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है और कीमतें बढ़ाई जा रही है. साओ पाओलो में बस किराया बढ़ाए जाने के बाद 20 साल में पहली बार बड़े विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
अधिकारी प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश भी कर रहे हैं. कम से कम पांच शहरों में सार्वजनिक परिवहन सेवा के टिकटों के दाम कम कर दिए गए हैं. इनमें राजधानी के पोर्तो अलेग्रे और रेशिफ इलाके भी शामिल हैं.साओ पाओलो के मेयर ने भी कहा है कि टिकटों की कीमत घटाने पर विचार किया जा रहा है. लेकिन फिलहाल प्रदर्शन जारी हैं और सरकार ने कंफेडरेशन कप के दौरान सुरक्षा के लिए सेना भेजने का फैसला किया है. कानून मंत्रालय ने कहा है कि सेना आयोजक शहरों में पुलिस की मदद करेगी. सैनिक टुकड़ियों को फोर्टालेजा, सल्वाडोर, बेलो होरिसोंटे, ब्राजिलिया और रियो दे जनेरो भेजा गया है.
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संगठन फीफा के अध्यक्ष जेप ब्लाटर ने प्रदर्शनकारियों के लिए सहानुभूति जताई है और कहा है, "मैं समझ सकता हूं कि लोग खुश नहीं हैं. लेकिन मैं समझता हूं कि उन्हें अपनी मांगों पर जोर देने के लिए फुटबॉल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए." उन्होंने कहा कि हमने ब्राजील पर वर्ल्ड कप थोपा नहीं है, वह इसका आयोजन करना चाहता था. उन्हें पता था कि वर्ल्ड कप पाने के लिए स्टेडियम भी बनाने होंगे, लेकिन इनका इस्तेमाल सिर्फ वर्ल्ड कप के लिए नहीं होगा. इसके अलावा रोड, होटल और हवाई अड्डे भी बनेंगे. ब्लाटर ने कहा, "ये भविष्य के लिए विरासत होंगे, सिर्फ वर्ल्ड कप के लिए नहीं."
एमजे/एनआर (रॉयटर्स, डीपीए)