फिर याद आया आयलान
अक्सर विवादों में रहने वाली फ्रांस की पत्रिका शार्ली एब्दो ने आयलान कुर्दी का एक ऐसा कार्टून छापा है जिसकी कड़ी आलोचना हो रही है. इस मौके पर एक बार फिर आयलान की याद ताजा हो गयी है.
कौन है शार्ली एब्दो
यह वही पत्रिका है जिसके पेरिस स्थित दफ्तर पर जनवरी 2015 में आतंकी हमला हुआ और जिसके बाद दुनिया भर में Je suis Charlie यानि 'मैं हूं शार्ली' का नारा फैला. पत्रिका के इसी अंक में एक और कार्टून है जिसमें येशू को पानी पर चलते दिखाया गया है और लिखा है, "ईसाई पानी पर चलते हैं, मुस्लिम बच्चे डूबते हैं."
वो तस्वीर..
तीन साल के आयलान की तस्वीर ने दुनिया को झकझोर दिया. जो लोग अब तक शरणार्थी संकट से दूरी बना रहे थे, वे भी इस दर्द को महसूस करने लगे.
मां के साथ
आयलान का परिवार तुर्की से ग्रीस जाने की कोशिश कर रहा था जब भूमध्यसागर में उनकी नाव पलट गयी. इस हादसे में दोनों भाइयों और मां की जान चली गयी.
पिता
आयलान के पिता हादसे में बच गए. उन्होंने बताया कि हवा से फुलाई जाने वाली नाव में 16 लोग सवार थे, जबकि जगह केवल आठ लोगों के लिए थी. महज पांच मिनट बाद ही नाव पलट गयी.
अभी सूखे नहीं आंसू
आयलान और उसके परिवार के शव जब सीरिया लाए गए तो परिवार वालों का यह हाल था. सीरिया के और कई परिवार भी इसी तरह उजड़ गए हैं.
जनाजा
सीरिया के कोबानी में आयलान, उसके भाई और उसकी मां का जनाजा. आयलान की तस्वीर 21वीं सदी के सीरिया संकट की निशानी बन गयी है.
जागो दुनिया
आयलान की बुआ फातिमा कुर्दी ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय पहुंचीं. उन्होंने ईयू से ठोस कदमों की मांग करते हुए कहा कि आयलान, उसके भाई और मां के लिए तो अब बहुत देर हो चुकी है लेकिन सीरिया से आने वाले हजारों बच्चों और उनके परिवारों को बचाया जा सकता है.
प्रदर्शन
यह तस्वीर पेरिस की है. तस्वीर पर लिखा है Je suis Syrien यानि 'मैं हूं सीरिया'. इसी नारे के साथ लोगों ने शार्ली एब्दो का भी समर्थन किया था. उसी शार्ली एब्दो ने आज आयलान का कार्टून छापा है. कुछ समीक्षकों का मानना है कि कार्टून बच्चे पर नहीं बल्कि यूरोप की आलोचना पर केंद्रित है.