फिदायीन बनाए गए चार बच्चे पकड़े गए
८ मई २०११अफगान अधिकारियों ने शनिवार को ऐसे चार बच्चों को मीडिया के सामने पेश किया. इन बच्चों को पाकिस्तान में उनके घरों में से आत्मघाती हमलावर के रूप में भर्ती किया गया था. उन्हें विदेशी सैनिकों पर हमले के मिशन के लिए जाते समय पकड़ा गया.
बस बटन दबाना है
चारों बच्चों की उम्र 13 से कम है. टेलिविजन कैमरे के सामने वे शर्माते हुए मुस्करा रहे थे. उन्होंने कहा कि किस तरह उन्हें जिहाद में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया. 13 साल के मजिल रहमान ने कहा, "हमें लोगार प्रांत में जाकर एक हमला करने को कहा गया. मुझसे उन्होंने कहा कि बस एक बटन दबाना है. काफिरों की मौत हो जाएगी और तुम बच जाओगे."
पिछले रविवार को पक्तिका प्रांस के बारमाल में एक भरे बाजार में 12 साल के एक बच्चे ने अपने शरीर से बंधे एक बम का विस्फोट किया था. इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 12 घायल हो गए थे. राष्ट्रपति हामिद करजई ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा था कि बच्चों को हमलावर के रूप में भर्ती करना अमानवीय और इस्लाम के सिद्धांतों के विपरीत है.
तुम बच जाओगे
अफगान खुफिया विभाग के प्रवक्ता लुतफुल्लाह मशाल ने कहा कि इन चारों बच्चों को तोरखम सीमा चौकी के पास गिरफ्तार किया गया. वे अपने परिवारों के साथ पाकिस्तान में रह रहे थे. मशाल ने कहा, "उन्हें कहा गया था कि अफगानिस्तान में काफिर हैं, इस्लाम नहीं चलता है और उन्हें जिहाद के लिये भड़काया गया था." उन्हें यह भी कहा गया था कि अमेरिकियों की मौत हो जाएगी लेकिन वे बच जाएंगे. लौटने के बाद उन्हें धन देने का भी वादा किया गया था.
अभी तक यह पता नहीं है कि इन बच्चों का क्या होगा. फैसला होने तक वे अफगान अधिकारियों की देख रेख में हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार