पुलिस कार्रवाई में सैकड़ों प्रवासी जख्मी
११ अप्रैल २०१६मैसेडोनिया पुलिस का कहना है कि शरणार्थियों ने उन पर पत्थर और कई दूसरी चीजें फेंकीं. उन्होंने बताया कि इडोमेनी के शरणार्थी मैसेडोनिय की सीमा पर लगी बाड़ को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे.
मेडिकल चैरिटी, डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डस (एमएसएफ) ने बताया है कि उन्होंने इस घटना में घायल हुए कम से कम 260 लोगों का इलाज किया है. इनमें से 200 को सांस की परेशानी था, तो वहीं 30 ऐसे थे जिन्हें प्लास्टिक की गोलियों से चोट लगी.
इडोमेनी में करीब 11,000 ऐसे प्रवासी और शरणार्थी फंसे हुए हैं, जो सीरिया और इराक में युद्ध के माहौल से भागे हैं. कैंपों में जीवन बिताने को मजबूर ये हजारों लोग फरवरी के महीने में बाल्कन रूट बंद किए जाने के कारण यूरोप में आगे की यात्रा नहीं कर पा रहे हैं. कुल मिलाकर ऐसे 50,000 से भी अधिक लोग ग्रीस में अटके हैं.
ग्रीस के प्रवासी मामलों के प्रवक्ता गिओर्गोस किरित्सिस ने मैसेडोनिया की प्रतिक्रिया को जरूरत से ज्यादा सख्त बताया है. वीमा रेडियो स्टेशन से बातचीत में किरित्सिस ने कहा, उनके "अत्यधिक बल प्रयोग" से "ग्रीस की धरती पर बहुत कठिन स्थिति" पैदा हो गई है.
रविवार की घटना के एक दिन पहले ही इडोमेनी के कैंपों में अरबी भाषा में लिखे कुछ पर्चे बंटने की सूचना है. बताया जा रहा है कि उसमें बॉर्डर फिर से खोले जाने की बात लिखी थी. ग्रीस प्रशासन को इस बारे में पता चलने पर उन्होंने सीमा पर अपनी तादाद दोगुनी कर दी थी.
रविवार को जब करीब 500-500 लोगों की भीड़ तीन ओर से बाड़ को तोड़ने के लिए आगे बढ़ने लगी तो मैसेडोनिया की पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया. ग्रीस प्रशासन भी इडोमेनी के लोगों को समझा बुझा कर पास के स्वागत केंद्रों में भेजने की कोशिश करता रहा है. बहुत से लोग इन स्वागत केंद्रों पर ना जाकर वहीं इडोमेनी में रहकर सीमा के खुलने तक इंतजार करना चाहते हैं.
शनिवार को ही एजियन सी के रास्ते ग्रीस पहुंचने की कोशिश में हुई दुर्घटना में चार महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई. तीन हफ्ते से लागू ईयू-तुर्की समझौते के प्रभाव में आने के बाद से यह पहला हादसा है.
आरपी/आईबी (एएफपी,एपी)