समलैंगिक घबराएं नहीं
१८ जनवरी २०१४पुतिन ने कहा है कि समलैंगिकों को इस बात से घबराने की जरूरत नहीं है कि यदि वे ओलंपिक खेल देखने आएंगे तो उन्हें सताया जाएगा. सोची में तीन हफ्ते में ओलंपिक खेल शुरू होने हैं और रूस के समलैंगिक कानूनों के कारण पुतिन की भारी आलोचना हो रही है. एक बयान में पुतिन ने कहा, "हमारे यहां दो लोगों के बीच अपारंपरिक संबंधों पर मनाही नहीं है. हमारे यहां रोक है समलैंगिकता का प्रचार करने और बच्चों के साथ यौन संबंध बनाने पर."
"बच्चों से दूर रहना"
इंटरव्यू में पुतिन ने कहा, "हम किसी चीज पर रोक नहीं लगा रहे हैं और ना ही हम किसी को हिरासत में लेंगे. इसलिए आप निश्चिंत रहिए. लेकिन बच्चों से दूर रहना." पुतिन ने कहा कि वे उम्मीद करेंगे कि लोग रूस की "परंपराओं और संस्कृति" का सम्मान करें, "हम अपने सभी साझेदारों को सम्मान देते हैं और हम उनसे भी इतना ही चाहते हैं कि वे हमारी परंपराओं और संस्कृति को सम्मान की नजर से देखें."
पुतिन ने बिना किसी का नाम लिए कहा, "दुनिया के कई देशों में तो नेता ऐसे कानूनों को लाने के बारे में सोच रहे हैं जो पीडोफीलिया का समर्थन करते हैं." पुतिन ने काफी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "कई संसदों में पार्टियां इस सवाल का सामना कर रही हैं. तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि हम उनके पीछे कुत्तों की तरह दुम हिलाते फिरें और खतरनाक नतीजों की ओर बढ़ जाएं?"
अंतरराष्ट्रीय विरोध
रूस की समलैंगिकता विरोधी नीति के कारण मानवाधिकार संगठन सोची में होने वाले खेलों का आलोचना करते रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तो रूस के सामने अपना रुख साफ करते हुए अपने प्रतिनिधिमंडल में तीन समलैंगिक एथलीटों को शामिल किया है. वहीं ब्रिटेन ने कहा है कि 7 फरवरी को शुरू होने वाले खेलों में वह अपने उस मंत्री को सोची भेजेगा जो देश में समलैंगिकों के विवाह के लिए जिम्मेदार है.
रूस पिछले साल से ही सुर्खियों में छाया हुआ है. लेकिन वह अपनी सफाई में यह कहता है कि देश में जिस कानून की बात पिछले साल से की जा रही है वह केवल बच्चों के बीच समलैंगिकता के प्रचार के खिलाफ है. हालांकि रूस में रहने वाले समलैंगिक जोड़े अक्सर यह शिकायत करते आए हैं कि वे खुल कर सामने नहीं आ सकते क्योंकि उन्हें सरकार से डर है.
अभिनेता इएन मैककेलेन और 27 नोबेल विजेताओं ने एक खुला पत्र लिखकर राष्ट्रपति पुतिन से गे-विरोधी कानून वापस लेने की अपील की है और इस कानून के आलोचकों के साथ एकजुटता व्यक्त की है. उधर विश्व फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष और आईसीसी के सदस्यसेप ब्लैटर ने कहा है कि ओलंपिक के बहिष्कार से कुछ नहीं बदलेगा. उन्होंने कहा कि जो वहां जाने से मना कर रहे हैं वे घुटने टेक रहे हैं. सोची में होने वाले खेलों में 85 देशों से 6,000 एथलीटों और लाखों दर्शकों के आने की उम्मीद है.
आईबी/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)