पिशाच पिता ने पाप माना
१८ मार्च २००९अदालती कार्यवाही के तीसरे दिन योज़फ़ फ़्रित्सल अदालत में दाख़िल हुआ, तो चेहरा पहले के दो दिनों की तरह ढंका नहीं था. लेकिन शायद इस बदनुमा चेहरे में अब किसी की दिलचस्पी भी नहीं थी. ग़म, ग़ुस्से और अपार सदमे के बीच सबकी नज़र इस बात पर थी कि 73 साल का फ़्रित्सल अब क्या बयान देता है.
फ़्रित्सल शुरुआती दो दिनों तक जिन आरोपों को नकार रहा था, उन्हें आज मान लिया. इस बात को भी मान लिया कि उसने एक नवजात बच्चे की देखभाल नहीं की, जिससे उसकी मौत हो गई और यह भी मान लिया कि उसने अपनी बेटी के साथ ग़ुलामों की तरह बर्ताव किया. उसे अब उम्र क़ैद की सज़ा मिल सकती है.
'ऐम्सटेटेन का दानव' से बदनाम हो चुके फ़्रित्सल ने बताया कि उसने अपनी बेटी के 11 घंटों की वीडियो रिकॉर्डिंग देखने के बाद अपना बयान बदलने का फ़ैसला किया. फ़्रित्सल ने कहा, "मैं आरोपपत्र में लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार करता हूं."
इस क़बूलनामे के बाद फ़्रित्सल ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोप मान लिए हैं. पहले उसने बेटी को बंधक बनाने और उसके साथ बलात्कार करने की बात मानी थी. अब मुक़दमा लगभग पूरा होता दिख रहा है. मनोचिकित्सकों की राय है कि फ़्रित्सल दिमागी तौर पर ठीक है. गुरुवार को इस मामले में सज़ा सुनाई जा सकती है.
24 साल तक बेटी के साथ बर्बर व्यवहार करने वाला इंजीनियर फ़्रित्सल बुधवार को अदालत में मानवीय संवेदनाओं की बातें कर रहा था. उसने अदालत से कहा कि उसे इस बात को समझना चाहिए था कि नवजात बच्चे की तबीयत वाक़ई ख़राब है और उसे इलाज की ज़रूरत है.
1996 के उस वाक़ये को याद करते हुए फ़्रित्सल ने कहा, "मैंने सोचा था कि वह बच्चा बच जाएगा. लेकिन मुझे कुछ करना चाहिए था. मुझे समझ में ही नहीं आ रहा है कि मैंने उसकी मदद क्यों नहीं की. मैं उस मामले को समझ ही नहीं पाया."
अदालत में सरकारी वकील ने फ़्रित्सल पर लगाए गए आरोपों का ज़िक्र किया. वकील ने बताया कि किस तरह ऑस्ट्रिया के छोटे से शहर में इस शख़्स ने ख़ूंख़ार कारनामे से हैवानियत की हद पार कर दी. फ़्रित्सल पर आरोप है कि वह मासूम और अबोध बच्चों की आंखों के सामने उनकी मां और अपनी बेटी का बार बार बलात्कार करता रहा. खिड़की, धूप और पानी से दूर अपने घर के तहख़ाने में 24 साल तक बेटी के जिस्म और उसकी रूह से खिलवाड़ करता रहा. उससे सात बच्चे पैदा किए, जिनमें से तीन ने न कभी धूप देखी, न बारिश. यह भी नहीं जाना कि आसमान का रंग कैसा होता है और चांद कैसा दिखता है. पिछले साल जब इस मामले का ख़ुलासा हुआ, तो बच्चों ने पहली बार खुली हवा में सांस ली.
सात में से एक बच्चे की पैदा होने के कुछ घंटों बाद ही मौत हो गई, जबकि फ़्रित्सल ने तीन बच्चों को अपने घर में पाला. उसने परिवार वालों को बताया था कि उसकी बेटी किसी ख़ास संप्रदाय में शामिल हो गई है और इन बच्चों को घर के सामने छोड़ कर चली गई थी. बाक़ी के तीन बच्चे पिछले साल तक छोटे से तहख़ाने में रहने को मजबूर थे.
ऑस्ट्रिया के एक दैनिक ने दावा किया है कि मंगलवार को कार्यवाही के दौरान अत्याचार की शिकार फ़्रित्सल की बेटी भी अदालत में मौजूद थी. लेकिन उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई.
ऑस्ट्रिया प्रशासन ने मानवीय पहल करते हुए फ़्रित्सल की बेटी और उसके बच्चे को किसी दूसरी जगह शिफ़्ट कर दिया है और उन्हें नई पहचान दी गई है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एजेए
एडिटरः महेश झा