"पिछड़े वर्ग की महिलाओं को मिले अलग आरक्षण"
६ जून २००९शनिवार को शरद यादव ने कहा, "मैं महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए नहीं कह रहा हूं. भले ही इस आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत भी कर दिया जाए. लेकिन ज़मीनी हालात को अनदेखा नहीं करना चाहिए. कमज़ोर तबक़े की महिलाएं तो और ज़्यादा मुश्किलों का सामना करती हैं."
शरद यादव ने साफ़ किया है कि उनकी पार्टी महिलाओं के लिए आरक्षण के ख़िलाफ़ नहीं है. लेकिन उसे महिला आरक्षण विधेयक के मौजूदा स्वरूप पर आपत्ति है. जेडीयू अध्यक्ष के मुताबिक़ बिल में भारतीय समाज के स्वरूप को ध्यान में रखते हुए पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. उनके मुताबिक़, "इस विधेयक को पारित करने से पहले 90 फ़ीसदी आबादी की उम्मीदों और भारतीय समाज की प्रकृति को ध्यान में रखा जाए."
शुक्रवार को शरद यादव ने लोकसभा में कहा कि अगर मौजूदा स्वरूप में विधेयक को पास किया गया तो वह ज़हर खा लेंगे. लेकिन बाद में उन्होंने पत्रकारों को अपने बयान पर सफ़ाई देते हुए कहा कि वह ग्रीक दार्शनिक सुकरात का ज़िक्र कर रहे थे जिन्होंने ज़हर खाना मंज़ूर किया था क्योंकि वह उसका समर्थन नहीं करना चाहते थे जिसमें उनका विश्वास नहीं था.
रिपोर्ट - पीटीआई, ए कुमार
संपादन - एम. गोपालकृष्णन