पास से गुजरेगा आकाशपिंड
११ फ़रवरी २०१३खगोलशास्त्रियों के अनुसार यह एस्टेरॉयड पश्चिमी यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के करीब से गुजरेगा. नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इससे पृथ्वी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 45 मीटर व्यास वाले 2012 डीए14 नाम के इस एस्टेरॉयड की खोज पिछले साल दक्षिणी स्पेन के कुछ खगोलशास्त्रियों ने की थी. भारत में रात के लगभग 1 बजे आसमान में सितारों के पीछे की तह में यह चलती हुई रोशनी की तरह देखा जा सकेगा. बुलेट जैसी तेजी वाले इस एस्टेरॉयड की रफ्तार 7.8 किलोमीटर प्रति सेकेंड है.
करीब 15 साल पहले से जब से वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के करीब आने वाले ग्रहों का ब्योरा रखना शुरू किया है, तब से यह पृथ्वी के पास आने वाला सबसे नजदीकी पिंड होगा. नासा में 'नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स' विभाग के प्रमुख डोनल्ड यॉमन्स ने कहा, "हमारी जानकारी के अनुसार पृथ्वी के करीब आने वाले पिंडों में यह अब तक का सकसे करीबी पिंड होगा." उन्होंने कहा कि इसकी गति का अनुमान लगाया जा चुका है और यह पृथ्वी से टकराएगा नहीं सिर्फ पास से निकल जाएगा.
नासा ने कहा कि यह एस्टेरॉयड कई मानव निर्मित सैटेलाइटों के कक्ष में प्रवेश करेगा, लेकिन इसके किसी से टकराने के बहुत कम ही आसार हैं. सैटेलाइट संचालकों को सचेत कर दिया गया है. टीवी, मौसम और संचार से संबंधित सैटेलाइट इससे 800 किलोमीटर की ऊंचाई पर हैं. साथ ही यह भी कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय स्पेस सेंटर को इससे कोई खतरा नहीं है.
करीब साढ़े छ करोड़ बर्ष पहले 10 किलोमीटर व्यास वाले एक विशाल पिंड का विघटन हुआ जो आज मेक्सिको में युकाटान प्रायद्वीप के नाम से जाना जाता है. उसे पृथ्वी पर डॉयनासोर के अलावा पेड़ पौधों और जानवरों के अंत के लिए जिम्मेदार माना जाता है. नासा के डोनल्ड यॉमन्स ने बताया कि अंतरिक्ष से लगातार छोटे छोटे पिंडों के टुकड़े पृथ्वी पर आते रहते हैं जो कि हर रोज 100 टन के करीब होते हैं. यॉमन्स का कहना है कि बास्केटबॉल के आकार के टुकड़े हर रोज आते हैं, फोल्क्सवैगन के आकार के हफ्ते में एक बार और बड़े आकार के ज्यादा दिनों पर. 1200 साल पर डीए 14 के आकार के टुकड़े धरती पर गिर सकते हैं.
एसएफ/एमजे (रॉयटर्स)