पाकिस्तान खोलेगा भारतीय सिखों के लिए अपनी सीमा
२३ नवम्बर २०१८करतारपुर क्रॉसिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत सीमा के दोनों ओर सड़कें बनाई जाएंगीं, जिससे श्रद्धालु जल्दी और आसानी से अपने धार्मिक स्थल तक आ जा सकें. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान एक हफ्ते में पूर्वी पंजाब प्रांत में इस कॉरिडोर की आधारशिला रखेंगे. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी. वहीं अपनी सीमा के भीतर सड़क बनवाने का जिम्मा भारत सरकार उठाएगी.
सन 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय ज्यादातर सिख भारत चले गए थे. लेकिन सिखों के कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल पाकिस्तानी सीमा में हैं. उनमें से एक करतारपुर की बड़ी मान्यता है क्योंकि सिखों के गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल यहीं बिताए थे. कई सिख पाकिस्तान को ही अपने धर्म का जन्मस्थान मानते हैं. सन 1469 में पाकिस्तान के लहौर के पास ही एक गांव में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म हुआ था.
भारत और पाकिस्तान के बीच इस सीमा के खुलने को शांति के प्रयास में लगे नागरिक आंदोलनों की जीत माना जा रहा है. हर साल हजारों सिख पहले से भी करतारपुर दर्शन के लिए जाते रहे हैं. अच्छी सड़कों के बन जाने से अब ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा और भी आसान हो जाएगी.
वहीं कुछ सुरक्षा विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंता जता रहे हैं कि कहीं इस आसान रास्ते का इस्तेमाल पाकिस्तानी या विदेशों में रहने वाले सिख अलगाववादी भारत के प्रति माहौल खराब करने के लिए ना करें.
लंबे समय से ठंडे पड़े दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में इस कदम को थोड़ी नरमी के रूप में देखा जा रहा है. इसी साल सितंबर में भारत ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक रद्द कर दी थी. ऐसा कश्मीर में भारतीय सुरक्षाकर्मियों की हत्या के प्रति अपना विरोध जताने के लिए किया गया था. कश्मीर मुद्दे को सुलझाने को लेकर वार्ताएं बीते कई सालों से ठप्प पड़ी हैं.
आरपी/आईबी (रॉयटर्स, एपी)