"पाक को लादेन की जानकारी के सबूत नहीं"
१९ मई २०११अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने पेंटागन में एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्हें अब तक कोई ऐसा सबूत नहीं दिखा है जिसके आधार पर कहा जा सके कि पाकिस्तानी नेताओं को देश में लादेन की मौजूदगी के बारे में अमेरिकी हमले से पहले पता था. गेट्स ने तो यहां तक कहा, "मैंने तो इसके उलट कुछ दूसरे सबूत ही देखे हैं."
मुश्किल में पाकिस्तान
ओसामा बिन लादेन को इसी महीने की शुरुआत में अमेरिकी सैनिकों की कार्रवाई में मार डाला गया. वह इस्लामाबाद के करीब एबटाबाद में एक सुरक्षित मकान में रह रहा था. इस घटना ने पाकिस्तान के रक्षा और खुफिया संगठनों को बेहद शर्मनाक स्थिति में ला खड़ा किया है. एक तरफ उन्हें लादेन की मौजूदगी के बारे में पता न होने की दुहाई देनी पड़ रही है, दूसरी तरफ घरेलू मोर्चे पर अमेरिकी सैनिकों की बिना बताए की गई कार्रवाई ने उन्हें बैकफुट पर ला खड़ा किया है. अमेरिकी सांसद इस घटना के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की मांग कर रहे हैं.
हालांकि रॉबर्ट गेट्स और सेना प्रमुख माइक मलेन दोनों ने कहा है कि इस हमले के कारण पाकिस्तान को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर कोई और कार्रवाई की गई तो दोनों देशों के रिश्ते में आया तनाव मामले को और ज्यादा उलझा देगा.
सेना पर भारी असर
रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा, "अगर मैं पाकिस्तान की जगह होता तो मैं यही कहता कि मैं पहले ही भारी कीमत चुका चुका हूं. मुझे शर्मिंदा किया गया है. मुझे दिखाया गया है कि अमेरिकी जब चाहे यहां आ सकते हैं और बिना कुछ गंवाए इस तरह की कार्रवाई कर सकते हैं. मुझे लगता है कि उन लोगों ने पहले ही एक भारी कीमत अदा की है."
उधर मलेन ने कहा कि लादेन के पाकिस्तान में मिलने से उसका सिर नीचा हुआ है और पाकिस्तानी सेना उस शख्स की तलाश कर रही है जिसके कारण यह सब हुआ. मलेन ने कहा, "मुझे लगता है कि उन पर इस घटना का काफी असर हुआ है. आखिरकार वह भी एक बेहद गौरवशाली सेना है."
गेट्स ने कहा कि पाक अधिकारियों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वे अल कायदा और अफगान आतंकवादियों के खिलाफ खुद कार्रवाई करेंगे. उन्होंने अमेरिका को चेतावनी भी दी है कि लादेन को मारने के लिए जिस तरह से कार्रवाई की गई वैसा दोबारा न करें.
कार्रवाई का मौका
मलेन ने कहा, "पाकिस्तान ने कार्रवाई करने की इच्छा जताई है और मुझे लगता है कि निश्चित रूप से वे इसका महत्व जानते हैं. इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि वे साफ साफ समझें कि इसकी अहमियत कम होने नहीं जा रही है. इस तरह के नेताओं के लिए पनाहगाह को खत्म करना ही होगा."
मलेन के मुताबिक पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक कियानी ने इस बात पर प्रतिबद्धता जताई थी कि वह हक्कानी नेटवर्क के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. मलेन ने माना कि अमेरिकी सेना की कार्रवाई ने पाकिस्तानी फौज को मुश्किल में डाल दिया है. हालांकि कियानी ने फिर भी कहा है कि दोनों के बीच आपसी रिश्ता आगे भी कायम रहेगा. मलेन ने कहा, "मेरे ख्याल से हमें उन्हें थोड़ा वक्त देना चाहिए ताकि वे आंतरिक चुनौतियों से बाहर निकल सकें."
इसके साथ ही गेट्स ने साफ किया कि अगर पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं को ओसामा बिन लादेन के ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं थी तो पाकिस्तान को इन सबके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार