पहले इस्तीफा फिर चर्चा पर अड़ी कांग्रेस
३ अगस्त २०१५बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडु ने हिस्सा लिया. बीजेपी ने कहा है कि प्रधानमंत्री किसी भी मुद्दे पर संसद में वक्तव्य देने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए चर्चा होनी चाहिए. प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद वेंकैया नायडु ने बताया कि सरकार संसद की कार्यवाही चलाना चाहती है और किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर संबंधित मंत्री संसद में जवाब भी देंगे. नायडु ने कहा कि संसद में जारी गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
वहीं कांग्रेस का कहना है कि सरकार गतिरोध तोड़ने के लिए गंभीर नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, "संसद नहीं चलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हठधर्मिता जिम्मेदार है." उन्होंने कहा कि अरुण जेटली द्वारा कांग्रेस को जिम्मेदार बताने का गैर-जिम्मेदाराना आरोप दिखाता है कि सरकार गंभीर नहीं है. दरअसल जेटली ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कांग्रेस पर संसद में रुकावट डालने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह जीएसटी को रोकने की कोशिश कर रही है.
अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस सरकार से राजनीतिक कारणों से असहमत हो सकती है लेकिन उसे अपनी नकारात्मकता स्वीकार करनी चाहिए और पता होना चाहिए कि अड़ंगा डालने की उसकी प्रवृत्ति से देश और अर्थव्यवस्था का नुकसान हो रहा है. शर्मा ने जेटली के इस आरोप पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "यह हास्यास्पद है कि जेटली कांग्रेस को आईना देखने की सलाह दे रहे हैं जबकि सरकार के दावे के अनुसार संसद में पिछले एक साल में दस साल से अधिक का काम निपटाया गया है."
शर्मा ने 'पहले इस्तीफा फिर चर्चा' के रुख पर पार्टी का बचाव करते हुए कहा, "यह कांग्रेस और विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दोहरे चाल-चरित्र को जनता के सामने लाए." कांग्रेस ललित गेट और व्यापमं मुद्दे पर भाजपा के मंत्रियों एवं मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे पर अड़ी हुई है और वह इस मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों के कामकाज में रुकावट डाल रही है.
आईबी/एमजे (वार्ता)