परिवारवाद के रास्ते लोकतंत्र में गद्दी पाने वाले नेता
सभी पार्टी सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं लेकिन पार्टी या सत्ता के शीर्ष पद पर परिवार को तरजीह दी जाती है. एक नजर ऐसे नेताओं पर जिन्हें संघर्ष की बदौलत नहीं, सुप्रीमों की संतान या साथी होने की वजह से गद्दी मिली.
राहुल गांधी
कुछ समय पहले तक राहुल गांधी भारतीय राजनीति में सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष थे. 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर से उनकी मां सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया. राहुल गांधी को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र और देश की राजनीति में दबदबा रखने वाली पार्टी शिव सेना के प्रमुख हैं. फिलहाल यह पार्टी केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार में है. उद्धव ठाकरे को भी विरासत में राजनीति मिली है. इनके पिता बाल ठाकरे ने शिव सेना का गठन किया था.
अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह सपा के पहले अध्यक्ष थे. पार्टी का अध्यक्ष बनने को लेकर पिता और पुत्र के बीच 2017 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले इस कदर संघर्ष हुआ था कि मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया था.
एम के स्टालिन
एम के स्टालिन दक्षिण भारत की प्रमुख पार्टी डीएमके की कमान संभाल रहे हैं. उनसे पहले पार्टी का नेतृत्व उनके पिता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि कर रहे थे. करुणानिधि के निधन के बाद पार्टी को स्टालिन संभाल रहे हैं.
राबड़ी देवी
बिहार की पहली महिला और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पत्नी हैं. राबड़ी देवी अचानक उस समय सक्रिय राजनीति में आईं जब बहुचर्चित चारा घोटाला मामलें में तत्कालिन मुख्यमंत्री लालू यादव को जेल जाना पड़ा. 25 जुलाई 1997 राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बनीं. इसके बाद वे राजनीति में आगे बढ़ती गईं और तीन बार सीएम बनीं.
उमर अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी विरासत में राजनीति मिली है. उनके पिता और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला भी जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
महबूबा मुफ्ती
पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को विरासत में राजनीति मिली है. उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे. पिता की मौत के बाद महबूबा मुख्यमंत्री बनीं थीं.
नवीन पटनायक
नवीन पटनायक पांचवीं बार से ओडिशा के मुख्यमंत्री है. बीजेपी की लहर हो या कांग्रेस की, नवीन पटनायक अपने राज्य में बने रहे. पहले नवीन पटनायक की राजनीति में दिलचस्पी नहीं थी लेकिन 17 अप्रैल 1997 को पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद वे उनकी विरासत को संभालने राजनीति में उतरे.
चिराग पासवान
चिराग पासवान मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं. बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान को रामविलास ने अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. फिल्मी दुनिया में फ्लॉप हो चुके चिराग विरासत में मिली राजनीति में आगे बढ़ रहे हैं.
तेजस्वी यादव
राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. पिता के जेल में जाने के बाद तेजस्वी ही पार्टी की कमान संभाल रहे हैं. आने वाले दिनों में इन्हें आरजेडी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है.