परमाणु करार के करीब चीन और पाकिस्तान
५ जुलाई २०१०जरदारी चीनी राष्ट्रपति हू चिन्थाओ और प्रधानमंत्री वेन चियापाओ से मुलाकात करेंगे. दोनों पक्षों के बीच पंजाब प्रांत के चश्मा परमाणु बिजली संयंत्र परिसर के विस्तार को लेकर चीनी वचनबद्धता पर बात हो सकती है. भारत, अमेरिका और अन्य कई देशों के दबाव के बावजूद चीन चश्मा में दो नए रिएक्टर लगाने जा रहा है.
चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्तों का अध्ययन करने वाले एंड्रयू स्मॉल का कहना है कि पाकिस्तान से रिश्तों के जरिए संतुलन साधना चीन के लिए अब पहले से कहीं जरूरी हो गया है. खासकर भारत और अमेरिका के बीच 2008 में असैनिक परमाणु सहयोग के क्षेत्र में समझौता होने के बाद. स्मॉल के मुताबिक भारत की बढ़ती ताकत और अमेरिका के साथ उसके रिश्तों को देखते हुए चीन समझता है कि पारंपरिक रूप से पाकिस्तान का साथ देने की उसकी नीति सही है.
राष्ट्रपति जरदारी के चीन दौरे से पहले भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन भी चीन पहुंचे हैं जहां पेइचिंग में सोमवार को उनकी चीनी प्रधानमंत्री वेन चियापाओ से मुलाकात हो सकती है. भारत और पाकिस्तान, दोनों के पास परमाणु हथियार हैं और वे परमाणु अप्रसार संधि में शामिल होने से इनकार करते रहे हैं. चीन का कहना है कि इस बात को सुनिश्चित करने के खास उपाय किए गए हैं कि चश्मा संयंत्र का इस्तेमाल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए ही होगा.
वहीं आलोचकों का कहना है कि पाकिस्तान में घरेलू अस्थिरता और परमाणु हथियार तकनीक के प्रसार में रही पाकिस्तान की भूमिका को देखते हुए जरूरी है कि चश्मा संयंत्र कड़ी अंतरराष्ट्रीय निगरानी हो. कई जानकार मानते हैं कि भारत के साथ परमाणु करार कर लेने के बाद अमेरिका के लिए इस बात की कम ही गुंजाइश बचती है कि वह सीधे सीधे चश्मा संयंत्र के विस्तार का विरोध करे. चीनी परमाणु सुरक्षा नीति के एक जानकार चिंग तोंग युआन कहते हैं, "पाकिस्तान को अलग थलग करना अमेरिका के हित में नहीं है. लेकिन पर्दे के पीछे अमेरिका चीन और पाकिस्तान पर दबाव डालेगा. उनसे मजबूत आश्वासन लिए जा सकते हैं."
चश्मा प्लांट के विस्तार के बारे में चीन के विदेश मंत्रालय ने अब तक कुछ नहीं कहा है, लेकिन चीन की परमाणु कंपनियों की तरफ से की जा रही घोषणाओं से साफ पता चलता है कि चीन पाकिस्तान में दो नए परमाणु रिएक्टर बनाएगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी इसकी पुष्टि कर चुके हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार