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पत्नियों को सज संवर कर बेबी की तरह पेश आने की सलाह

३१ मार्च २०२०

मलेशियाई सरकार की तरफ से देश की महिलाओं के लिए जारी ”सलाह” से महिलाएं हैरान और निराश हैं. आखिर ऐसा क्या करने को कहा गया है जिससे सरकार को सेक्सिस्ट बताया जाने लगा.

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Malaysia Kuala Lumpur Modenschau für Muslime
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Vatsyayana

कोरोना संकट में विश्व के कई देशों की तरह मलेशिया के तमाम मध्यमवर्गीय परिवार भी आजकल वर्क फ्रॉम होम यानि घर पर रह कर अपने दफ्तर के काम करने को मजबूर हैं. ऐसे में देश के महिला, परिवार और सामुदायिक विकास मंत्रालय ने इस दौरान महिलाओं को घर में रहने के कुछ कायदे सुझाए हैं.

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डिजिटल पोस्टरों के माध्यम से फैलाई गई मलेशियाई सरकार की आधिकारिक सलाह में कहा गया है कि महिलाएं घर पर भी बन ठन कर रहें, मेकअप करें और अपने पतियों को "तंग" ना करें. हैशटैग #WomenPreventCOVID19 के साथ जारी पोस्टरों की ऋृंखला में सोफा पर बैठा हुआ एक आदमी महिलाओं से कहता दिखाया गया है कि अगर घर के कामों में मदद चाहिए तो वे "व्यंग्यात्मक" होना बंद करें. ऐसे लिंगभेदी संदेशों को लेकर मलेशिया और देश के बाहर से भी सोशल मीडिया पर आलोचना देखने को मिल रही है.

दूसरी ओर विश्व के कई महिला अधिकार समूह पहले ही इस पर चिंता जता चुके हैं कि घरेलू हिंसा की शिकार तमाम महिलाएं लॉकडाउन के कारण उन आक्रामक पार्टनरों के साथ एक ही छत के नीचे जीने को मजबूर हो गई हैं. और वे निराश हैं कि उन महिलाओं के लिए कोई सलाह या निर्देश क्यों नहीं जारी किए गए.

मंत्रालय ने सलाह दी है कि घर के काम करवाने हों तो पत्नियां अपने पतिओं से हंस कर शर्माते हुए या डोरेमॉन जैसे कार्टून की मासूम बच्चों जैसी आवाज में बात करें. इस पोस्टर सीरीज में उन मांओं के लिए भी हमेशा "साफ सुथरी और करीने से सजी संवरी दिखने” को लेकर सलाह दी गई है जो ना केवल घर के काम बल्कि दफ्तर के लिए वर्क फ्रॉम होम भी करती हैं.

हर मामले में महिलाओं के बाहरी रूप रंग पर सबसे ज्यादा जोर देते हुए उसे निखारने को लेकर ही कोई ना कोई सलाह शामिल है. ऐसी "जनहित में जारी सूचना" को लेकर फेमिनिस्ट समूहों ने मंत्री दातुक सेरी रीना हारुन के खुद महिला होते हुए भी इतनी गहरी पितृसत्तात्मक सोच रखने को लेकर कड़ी निंदा की है. वहीं कई अन्य महिलाओं ने इस ओर ध्यान दिलाया कि महिलाएं भी इंसान ही होती हैं कोई सामान नहीं, जिसकी बनावट या रखरखाव को लेकर ऐसी बातें की जाएं. लॉकडाउन के समय में अपना ख्याल रखना, साफ सुथरा रहना और अच्छा रूटीन बरकरार रखना तो हर इंसान के लिए जरूरी है. लेकिन मंत्रालय को महिलाओं के बाहरी रूप रंग, कपड़ों और मेकअप पर फोकस करने जैसी गैरजरूरी और सेक्सिस्ट सलाह देने को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी है.

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एडिटर, डीडब्ल्यू हिन्दी
ऋतिका पाण्डेय एडिटर, डॉयचे वेले हिन्दी. साप्ताहिक टीवी शो 'मंथन' की होस्ट.@RitikaPandey_