निर्वासित तिब्बती सरकार का प्रधानमंत्री चुनाव आज
२० मार्च २०११तिब्बती प्रधानमंत्री का चुनाव ऐसे वक्त में हो रहा है जब दलाई लामा ने पिछले हफ्ते अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों को छोड़ने का एलान किया और निर्वासन में जी रहे तिब्बतियों को ये जिम्मेदारी लेने को कहा. सोमवार को उन्होंने अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार करने के निर्वासन संसद के आग्रह को अस्वीकार कर दिया और कहा कि वे अपने फैसले पर अडिग हैं.
प्रधानमंत्री पद के लिए लोब्सांग सांगे, तेनजिन नामग्याल टेथोंग और ताशी वांगडी के रूप में तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. 43 साल के लोब्सांग सांगे हॉवर्ड के लॉ स्कूल में सीनियर फेलो हैं जबकि तेनजिन नाम ग्याल तेथोंग जाने माने विद्वान हैं और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. ताशी वांगडी ब्रसेल्स, न्यूयॉर्क और दिल्ली में दलाई लामा के प्रतिनिधि के रूप में काम करते रहे हैं. चुनाव के लिए हिमाचल प्रदेश में 10 और दिल्ली में चार बूथों के अलावा रूस और दक्षिण अफ्रीका के साथ ही कई और देशों में भी बूथ बनाए गए हैं. केंद्रीय तिब्बती प्रशासन, सीटीए के मुख्य चुनाव आयुक्त जाम्फेर कोएसांग ने ये जानकारी दी. उन्होने बताया कि नेपाल में भी वोट डालने के इंतजाम किए जा रहे हैं.
कोएसांग ने बताया, "पूरी दुनिया में कुल 86 क्षेत्रीय चुनाव कार्यालय हैं जो वोटों की गिनती करने के बाद नतीजे गोपनीय तरीके से धर्मशाला तक पहुंचा देंगे. नतीजों की जांच और अंतिम रूप से तैयारी अप्रैल के तीसरे हफ्ते में की जाएगी. 27 अप्रैल को आखिरी नतीजे का एलान कर दिया जाएगा. हालांकि सांसदों का भी चुनाव होना है पर मुख्य रूप से लोगों का ध्यान प्रधानमंत्री के चुनाव पर है. वर्तमान प्रधानमंत्री समधोंग रिनपोचे का दूसरा कार्यकाल इस साल मई में पूरा हो रहा है. तिब्बती संविधान के मुताबिक प्रधानमंत्री पद पर कोई भी नेता बस दो कार्यकाल तक ही रह सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः महेश झा