"नास्तिक होना, कपटी कैथोलिक से ज्यादा बेहतर"
२४ फ़रवरी २०१७कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस ने एक बार फिर तीखा तंज कसते हुए लोगों को सलाह दी कि कपट से भरा दोहरा जीवन जीने के बजाए नास्तिक होना बेहतर है. अपने ही चर्च के कुछ सदस्यों की उन्होंने एक बार फिर आलोचना की. सुबह की सामूहिक उपासना के बाद वेटिकन में अपने आवास में पोप फ्रांसिस ने कहा, "कहा कुछ और किया कुछ और, यह स्कैंडल है. यह दोहरा जीवन है."
वेटिकन रेडियो के मुताबिक पोप ने यह भी कहा कि, "कुछ ऐसे लोग हैं, जो कहते हैं कि मैं बहुत पक्का कैथोलिक हूं, मैं हमेशा मास (सामूहिक उपासना) में जाता हूं, मैं इस या उस एसोसिएशन से जुड़ा हूं." लेकिन इनमें से कुछ लोगों को यह भी कहना चाहिए कि "मेरा जीवन एक ईसाई का नहीं है. मैं अपने कर्मचारियों को सही तनख्वाह नहीं देता हूं, मैं लोगों का शोषण करता हूं, मैं गंदा व्यापार करता हूं. मैं पैसे की हेराफेरी करता हूं और एक दोहरा जीवन जीता हूं. ऐसे बहुत सारे कैथोलिक हैं जो ऐसा ही करते हैं और स्कैंडल करते हैं."
2013 में अर्जेंटीना के कार्डिनल से कैथोलिक पोप बनने वाले पोप फ्रांसिस के मुताबिक, "हमने कितनी बार लोगों को यह कहते हुए सुना है कि अगर ये शख्स कैथोलिक है तो इससे बेहतर है नास्तिक होना."
पोप फ्रांसिस ऐसे वक्त में वैटिकन की गद्दी संभाल रहे हैं जब कैथोलिक चर्च भारी मुश्किल में है. जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में चर्च पर बच्चों के यौन शोषण के आरोप लगे हैं. कई मामलों में आरोप सही साबित हुए और चर्च को हर्जाना भी देना पड़ा. वहीं यूरोप के कई देशों में नई पीढ़ी चर्च से दूर भाग रही है. स्विट्जरलैंड समेत दुनिया के कई कैथोलिक बहुल देशों में ज्यादातर जनता नास्तिक हो रही है.
(दुनिया की एक तिहाई आबादी किसी ईश्वर पर विश्वास नहीं रखती. कौन कौन से हैं ये देश)
ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स)