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नाटो चाहता है अफ़ग़ानिस्तान में और सैनिक

१५ दिसम्बर २००९

जर्मनी के जनरल कार्ल हाइंत्स लाठर ने कहा है कि नाटो जर्मन कमान में दो विशेष दस्ते उत्तर अफ़ग़ानिस्तान भेजना चाहता है. हर दस्ते में 250 से 1,500 के बीच सैनिक होंगे.

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3000 सैनिक औरतस्वीर: AP

इस कार्रवाई के लिए जर्मनी और फ़्रांस को अतिरिक्त सैनिक अफ़ग़ानिस्तान भेजने पड़ेंगे हालांकि दोनों देशों ने कहा है कि वे अगले महीने लंदन में अफ़ग़ानिस्तान पर ख़ास बैठक के नतीजों को परखने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला लेंगे. जर्मनी के जनरल लाठर ब्रसेल्स में अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त कमान के मुख्यालय के प्रमुख हैं.

उन्होंने कहा कि फौजी तौर पर देखा जाए तो मुख्यालय अफ़ग़ानिस्तान के उत्तरी इलाक़े में दो ख़ास दस्ते भेजना चाहती है. फ़्रांस और जर्मनी के रुख को देखते हुए अगले महीने तक ही इस सिलसिले में ठोस निर्णय लिए जा सकेंगे. कुछ अन्य नाटो अधिकारियों का कहना है कि लाठर का सुझाव तभी कार्यान्वित किया जा सकेगा, जब जर्मनी और फ़्रांस सैनिक भेजने को तैयार होंगे. इस महीने की शुरुआत में फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने लंदन में बैठक के बाद सैनिकों की संख्या बढ़ाने की बात कही थी.

Gordon Brown besucht die britischen Soldaten
संतुलन बनाना मुश्किल- गॉर्डन ब्राउनतस्वीर: AP

फ्रांस ने अब तक अफ़ग़ानिस्तान में 3,300 सैनिक भेजे हैं. जर्मनी ने अफ़ग़ानिस्तान में 4,300 सैनिक भेजे हैं और अमेरिका और ब्रिटेन के बाद सबसे ज़्यादा जर्मन सैनिक अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद हैं. कुल एक लाख नाटो सुरक्षा कर्मी अफ़ग़ानिस्तान में तैनात हैं. अफ़ग़ानिस्तान का उत्तरी इलाक़ा इस साल की शुरुआत तक काफी शांत माना जा रहा था, लेकिन हाल के महीनों में वहां की सुरक्षा स्थिति ख़राब हो गई है.

इस बीच अमेरिकी एडमिरल माइक मलेन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा की नई अफ़ग़ानिस्तान रणनीति पर बातचीत करने अफ़ग़ानिस्तान पहुंचे हैं. इसके तहत अमेरिका अल क़ायदा को ख़त्म करने की कोशिश करेगा और अफ़ग़ानी बलों को तैयार किया जाएगा. मलन ने कहा कि अमेरिका के पूर्वी तट कैंप लेजून से लगभग 1500 सैनिक इस हफ्ते के अंत तक हेलमंद प्रांत पहुंचेंगे और आने वाले महीनों में होने वाली कार्रवाई की तैयारी करेंगे.

उधर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तैनात ब्रिटिश सैनिकों की रक्षा के लिए तीन साल की अवधि के दौरान डेढ़ अरब पाउंड लगाए जाएंगे. इसके तहत ब्रिटेन में सैनिको को बम डिटेक्टरों की ट्रेनिंग दी जाएगी. हालांकि संसद के चुनावों से पहले ब्राउन ने यह भी कहा है कि सुरक्षा का बजट कम करते हुए देश के ऋण को कम करने की कोशिश की जाएगी.

जहां यूरोपीय नेता अपनी अंदरूनी राजनीति और अफ़ग़ानिस्तान में नाटो की लड़ाई के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं नाटो प्रमुख रासमुसेन मंगलवार से रूस के दौरे पर हैं जहां वे नाटो और रूस के बीच संबंधों की बेहतरी के साथ साथ अफ़ग़ानिस्तान के मामले में और सहयोग पाने की उम्मीद कर रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एम गोपालकृष्णन

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य