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नमो ऐप से थर्ड पार्टी के पास पहुंचता डाटा

अपूर्वा अग्रवाल
२६ मार्च २०१८

देश में डाटा सिक्युरिटी का मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर यूजर्स के डाटा को थर्ड पार्टी तक पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं.

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तस्वीर: Reuters/Amit Dave/Files

फेसबुक मामले के बाद चर्चा में आए डाटा सिक्युरिटी मसले ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक नमो ऐप को कटघरे में खड़ा कर दिया है. वेबसाइट आल्टन्यूज और स्थानीय मीडिया कंपनी एनडीटीवी का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी की इस ऐप के जरिये यूजर्स का निजी डाटा अमेरिकी की एक थर्ड कंपनी को भेजा जा रहा है. इस ऐप को अब तक 50 लाख बार एंड्रॉयड पर डाउनलोड किया जा चुका है. इस खुलासे के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर बीजेपी की आलोचना करते हुए कई ट्वीट किए हैं. अपने एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए लाखों भारतीयों के डाटा जुटाया है.

Indien Rahul Gandhi in Neu-Delhi
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri

इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचाया हुआ है. इसके पहले अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा था, "हाय! मेरा नाम नरेंद्र मोदी है. मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं. जब आप मेरे आधिकारिक ऐप में साइनअप करते हैं तब मैं आपका सारा डाटा अमेरिकी कंपनियों में अपने दोस्तों को दे देता हूं."

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग इसकी निंदा कर रहे हैं.

वहीं बीजेपी ने अपनी सफाई में कहा है कि मोदी ऐप से जुटाए गए डाटा का प्रयोग सिर्फ विश्लेषण के लिए किया गया है. बीजेपी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर पलटवार करते कहा है कि कांग्रेस की ऐप यूजर्स के डाटा को सिंगापुर की कंपनी के साथ साझा करती है. लेकिन कांग्रेस ने इस पूरे मामले से इनकार किया है.

दरअसल इस मामले के चर्चा में आने से ठीक पहले प्ले स्टोर से कांग्रेस पार्टी की ऐप को हटाया गया था. जिसके चलते बीजेपी को कांग्रेस पर पलटवार करने का मौका मिल गया है. यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया है जब डाटा सिक्युरिटी दुनिया भर में संवेदनशील बना हुआ है.

एनडीटीवी के मुताबिक, एलियट एल्डरसन के नाम से ट्वीट करने वाले सुरक्षा शोधकर्ता ने शनिवार को कई ट्वीट कर कहा था कि नरेंद्र मोदी ऐप निजी यूजर डेटा को थर्ड पार्टी के डोमेन पर भेज रही है, जो एक अमेरिकी कंपनी का है. रविवार को अपने ट्वीट में एल्डरसन ने बताया कि इस ऐप ने उनके पिछले ट्वीट के बाद 'चुपके-से' अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव कर दिया है.