नई नीति से भी नाखुश जर्मन तुर्क
२९ नवम्बर २०१३गठबंधन के साझीदारों ने दोहरी नागरिकता के मसले पर बड़ा फैसला किया है. चासंलर अंगेला मैर्केल की पार्टी सीडीयू, उसके बावेरियाई सहयोगी दल सीएसयू और उनसे गठबंधन करने जा रही एसपीडी, विदेशी मां बाप के बच्चों की नागरिकता पर से "विकल्प" को खत्म कर देंगे. पहले यहां पैदा होने वाले विदेशी मूल के बच्चों के पास 23 साल की उम्र तक यह तय करने का विकल्प होता था कि वो जर्मनी की नागरिकता रखना चाहते हैं या फिर उस देश की, जहां के उनके मां बाप हैं. 23 साल की उम्र तक जो यह तय नहीं कर पाते थे उन्हें उनके मूल देश वापस भेज दिया जाता है. हालांकि कुछ लोगों को इससे छूट भी मिली हुई है. इसमें यूरोपीय संघ के नागरिक भी शामिल है जो एक साथ दो नागरिकता रख सकते हैं. अगर नया कानून लागू हो जाता है तो जर्मनी में पैदा होने वाले सभी बच्चे पूरी उम्र दो नागरिकता रख सकेंगे.
हालांकि सीडीयू और सीएसयू में दोहरी नागरिकता को लेकर कड़ा विरोध है. लोअर सैक्सनी राज्य में सामाजिक मामलों की पूर्व मंत्री अयगुल ओजकान तुर्क मूल की हैं. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा, "हमने इस पर बहुत गहन चर्चा की है लेकिन आखिरकार हमें यह पता चला है कि इस फैसले से युवा प्रवासियों को दिक्कत होगी जो यहीं पैदा हुए हैं." सीडीयू के नेता नए नियमों को स्वागत योग्य मानते हैं. पार्टी कहती है, "यह उन प्रवासियों के लिए एक तरह से सम्मान है जो जर्मनी में पूरी तरह घुल मिल गए हैं और जर्मनी के लिए प्रतिबद्ध हैं." सीडीयू-सीएसयू ने एसपीडी की वो मांग ठुकरा दी जिसमें उन्होंने जर्मनी में स्थायी रूप से रहने वाले सभी विदेशियों के लिए दोहरी नागरिकता चाही थी.
तुर्क समुदाय नाखुश
जर्मनी में तुर्क समुदाय के लोगों के संगठन टीजीडी (टर्किश कम्युनिटी इन जर्मनी) के लिए यही नाराजगी की वजह है. टीजीडी के चेयरमैन केनन कोलाट काफी निराश हैं और एसपीडी की आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है, "हमारे लिए इस नतीजे को स्वीकार करना असंभव है. गठबंधन की बातचीत शुरू होने से पहले एसपीडी ने एलान किया था कि दोहरी नागरिकता के बगैर वो गठबंधन के समझौते पर दस्तखत नहीं करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ."
कोलाट ने कहा कि जिन युवाओं को इससे फायदा होगा उनके लिए वो खुश हैं लेकिन फिर भी इसे वो जर्मनी में रहने वाले तुर्क लोगों के लिए बड़ा अन्याय मानते हैं. एसपीडी के सांसद महमूद ओएजदेमीर ने पार्टी की आलोचना को खारिज करते हुए कहा है, "एसपीडी के अड़े बगैर यह मुद्दा तुरंत दब जाता. यह नतीजा हमारी चर्चा से निकली है और जो अभी खत्म नहीं हुई." डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने साफ किया कि एसपीडी दोहरी नागरिकता के लिए आवाज उठाता रहेगी.
दोहरी नागरिकता या सुविधा का पासपोर्ट
एसपीडी के संसदीय एकीकरण आयुक्त अयदान ओएत्सोगुज ने डीडब्ल्यू से कहा, "हम एकीकरण में दिक्कतों के संकेतों का पता लगा रहे हैं. भविष्य में भी हम सबके लिए दोहरी नागरिकता को बढ़ावा देते रहेंगे."
इससे पहले जब भी कोई बदलाव हुआ है तो तुर्क समुदाय को ही इसका सबसे ज्यादा फायदा मिला. करीब 30 लाख की आबादी के साथ जर्मनी के प्रवासियों में उनकी सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. इनमें से ज्यादातर यहीं पैदा हुए हैं लेकिन इनमें से सिर्फ आधे लोगों के पास ही जर्मन पासपोर्ट है क्योंकि वे इसके लिए तुर्की का पासपोर्ट छोड़ना नहीं चाहते.
इसी साल जुलाई में एसन सेंटर फॉर टर्किश स्टडीज ने एक सर्वे के बाद यही बात बताई. रिसर्च में पता चला कि जर्मनी के 80 फीसदी तुर्क लोग तुर्की की नागरिकता बनाए रखना चाहते हैं. उनके लिए सबसे अहम यही है कि जब वो तुर्की वापस लौटें तो उन्हें कोई दिक्कत ना हो.
रिपोर्टः डैनियल हाइनरिष/एनआर
संपादनः ओंकार सिंह जनौटी