ध्रुवीय भालुओं को नहीं मिल रहा खाना
२ फ़रवरी २०१८अध्ययन में कहा गया है कि ध्रुवीय भालुओं को खाने के लिए अपनी जरूरत मुताबिक सील नहीं मिल रहे हैं. सील भी एक तरह का समुद्री जीव होता है जो ध्रुवीय भालुओं का मुख्य भोजन माना जाता है. स्टडी के मुताबिक धरती के गर्म होने के चलते यह समस्या इन जीवों को भी परेशान करने लगी है. पहले ऐसा माना जाता था कि ध्रुवीय भालुओं का पाचन तंत्र धीमी गति से काम करता है. हालांकि इस अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि ध्रुवीय भालुओं का पाचन तंत्र तेजी से काम करता है. इसलिए पर्याप्त भोजन एक समस्या बन गया है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलोफॉर्निया के रिसर्चरों ने अपने शोध में नौ मादा ध्रुवीय भालुओं का अध्ययन किया. इसमें पता चला कि नौ में से पांच के शरीर के आकार पर पर्याप्त भोजन न मिलने से 8-11 दिन के बीच काफी प्रभाव पड़ा. बाकी के चार भालुओं के शरीर में 10 फीसदी तक का असर दिखा.
रिसर्चरों के मुताबिक ध्रुवीय भालु अप्रैल से लेकर जुलाई के दौरान अपने भोजन के लिए सबसे अधिक शिकार करते हैं और उन्हें शरीर मे वसा के रूप में जमा लेते हैं. जिसके बाद उन्हें पूरे साल भोजन की जरूरत नहीं पड़ती. इस अध्ययन में कहा गया है कि पोलर बियर को असल में अधिक ऊर्जा की जरूरत अधिक होती है.
अब आर्कटिक महासागर के गर्म होने से इनके अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं. अन्य क्षेत्रों के मुताबिक, आर्कटिक के गर्म होने की दर दोगुनी है. यहां बर्फ पिघलने के कारण इन पोलर बियर को भोजन के लिए बड़ी दूर जाना पड़ रहा है. अध्ययन के मुताबिक आर्कटिक की बर्फ 14% की दर से घट रही है. पिछले एक दशक में इनकी संख्या में तकरीबन 40 फीसदी की कमी आई है. इन अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि अब रिसर्चर ध्रुवीय भालुओं की जिंदगियों का बारीकी से अध्ययन कर पा रहे हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि अब हमारे पास तकनीक है जिससे हम पता कर सकते हैं कि कैसे वह बर्फ पर चल पाते हैं, साथ ही इनकी भोजन जरूरतें कैसी हैं.
एए/एनआर (एएफपी)