दूसरी लाइन का महामैच
७ सितम्बर २०१२फेडरर की वक्त से पहले विदाई और नडाल की चोट ने अगर अमेरिकी ओपन को फीका कर दिया है, तो इस मैच ने टूर्नामेंट में जरूर रंग भर दिया होगा. खिलाड़ियों के नाम भी जानिए, स्पेन के डाविड फेरर और सर्बिया के यान्को टिपेसेरेविच. साढ़े चार घंटे से भी ज्यादा चले इस मैच ने टेनिस के कई रंग देखे.
थोड़ा घमंड और ज्यादा हौसला लिए आठवें नंबर के टिप्सी (टिप्सारोविच) जब मैदान पर उतरे, तो नीली कमीज और आंखों पर धूप का चश्मा लगा था. सनग्लासेस लगा कर खेलने वाले वह शायद इकलौते टेनिस खिलाड़ी हैं. दूसरी तरफ चार नंबर के फेरर मजबूत इरादों के साथ ग्राउंड पर उतरे थे.
पहला सेट फेरर के लिए किसी मुलायम रास्ते की तरह था. टिप्सी बार बार रेफरी पर गुस्सा हो रहे थे और फेरर चुपचाप अंक बटोरते जा रहे थे. 6-3 से सेट जीतने के बाद फेरर दूसरे सेट में भी ठीक ठाक जा रहे थे, जब अचानक टिप्सारोविच उन पर हावी हो गए. 28 साल के सर्बियाई खिलाड़ी ने जैसे फेरर पर हमला ही बोल दिया. ताबड़तोड़ आक्रमण के आगे फेरर ऐसा घबराए कि टाई ब्रेकर में सेट हाथ से निकल गया.
घंटे भर से से ज्यादा का संघर्ष चल चुका था. इधर उधर चैनल घुमाने वालों ने रिमोट को हाथ की पहुंच से दूर कर दिया था. पसीने से तरबतर टिप्सी ने नीली टीशर्ट उतार कर लाल रंग वाली पहन ली थी. लेकिन चश्मा नहीं उतरा था और मन में कुछ कर गुजरने का हौसला भी बना हुआ था. तीसरे सेट में उन्होंने फेरर को छका कर रख दिया. स्पेनी खिलाड़ी जब तक बारीकियों को पकड़ पाते, सर्बियाई उस्ताद बहुत आगे निकल चुका था. सेट 6-2 से उनकी झोली में आ चुका था और पहला सेट हारने के बाद मैच में उनकी पकड़ मजबूत हो चुकी थी.
इस बीच छोटी छोटी बातों पर रेफरी से कई बार नोक झोंक हो चुकी थी. अगर गेंद लाइन के आस पास पड़ी, तो झगड़ा पक्का था. लेकिन टिप्सारोविच ने झुंझलाहट के बीच भी खेल पर अपनी पकड़ बनाए रखी. टेनिस के सबसे बुद्धिजीवी खिलाड़ियों में गिने जाने वाले टिप्सी जब किसी फैसले पर नाराज होते तो लगता कि जैसे वे रैकेट पटक देंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और एक मौका तो ऐसा भी आया कि रेफरी भी हंसने लगे.
फेरर ने चौथा सेट जीत कर मैच में अपनी वापसी कर ली थी. लेकिन क्लाइमेक्स तो पांचवें और आखिरी सेट में आना था. फेरर 1-4 से पीछे हो चुके थे और लगने लगा था कि सर्बियाई खिलाड़ी का टिकट पक्का हो गया है. इस बीच टिप्सी की तरह फेरर भी रेफरी से झगड़ चुके थे. ऐन मौके पर टिप्सारोविच संतुलन खो बैठे. कोर्ट में गिर पड़े और जांघ में खिंचाव आ गया. मेडिकल टाइम आउट लिया गया. इलाज चला लेकिन मैच निकलने लगा.
फेरर ने शानदार वापसी की और मैच को टाई ब्रेकर में धकेल दिया. दोनों खिलाड़ी एक एक अंक के लिए संघर्ष करने लगे. अगर संघर्ष और जज्बे के नाम पर विजेता घोषित किया जाता, तो सर्बियाई खिलाड़ी को कोई हरा नहीं सकता था. लेकिन फुटबॉल के फैसले गोल से होते हैं और टेनिस के अंकों से. आखिर में फेरर ने टाई ब्रेकर 7-5 से जीत लिया और आखिरी चार में जगह बना ली. साढ़े चार घंटे का संघर्ष खत्म हुआ. दोनों खिलाड़ी गले मिले. दोनों ने खुशी खुशी रेफरी से हाथ मिलाए.
फेरर ने हेड बैंड उतार कर अलग किया. चेहरे पर जमा ढेर सारा पसीना पोंछा और इसे अपने सर्वश्रेष्ठ मैचों में बताया, "यह एक बेहद जज्बाती मैच था. मेरे करियर के सबसे जज्बाती मैचों में से एक."
टिप्सारोविच ने आखिरकार चश्मा उतार दिया. ग्राउंड पर बिखरे सामान को बस्ते में कसते वक्त उनकी उदासी देखी जा सकती थी, "मैं ईमानदारी से बहुत दुखी हूं कि मैं आखिरी चार में जगह नहीं बना पाया."
टिप्सारोविच धीमे थके कदमों से बाहरी गेट की तरफ निकल गए. फेरर ने ग्राउंड नहीं छोड़ा. उन्हें पता है कि अगला मुकाबला भी सर्बियाई खिलाड़ी से होना है. बस नाम बदल जाएगा, नोवाक जोकोविच.
रिपोर्टः अनवर जे अशरफ (एएफपी, रॉयटर्स, एपी)
संपादनः महेश झा