दस साल बाद जिंदा लौटी बेटियां
७ मई २०१३21 अप्रैल 2003, 16 साल की एमैंडा बेरी ने अपनी बहन को फोन किया. ओहायो प्रांत के क्वीलैंड में रहने वाली बेरी ने फोन पर कहा कि वो बर्गर किंग में अपना कामकाज खत्म कर घर लौट रही है. उसे एक आदमी की गाड़ी में लिफ्ट मिली है. ये आखिरी मौका था जब बेरी ने अपने परिवार में किसी से बात की. इसके बाद वो लापता हो गई. साल भर बाद 2014 में 14 साल की बच्ची जीना डेजीजस लापता हुई. जीना घर से पास के स्कूल से घर लौट रही थी. बस ये आखिरी सुराग था, इसके बाद जीना का अता पता नहीं चला.
अचानक हुई गुमशुदगी का तीसरा मामला तब आया जब 20 साल की युवती मिषेल नाइट भी गायब हो गई. इन तीनों मामलों की पुलिस जांच करती रही, लेकिन वक्त बीतने के साथ घरवाले मानने लगे कि उनकी बेटी अब जिंदा नहीं है. 2004 में पुलिस ने जीना की गुमशुदगी के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया. उनसे पूछताछ हुई. केस चलता रहा और आरोपी 2006 में जेल से रिहा हुए. रिहाई इस वजह से हुई कि पुलिस तमाम छापों के बावजूद शव बरामद नहीं कर सकी.
नाटकीय मोड़
हैरान करने वाली घटना करीब दस साल बाद सोमवार को घटी. पड़ोसियों की मदद से बेरी अपहर्ता के चंगुल निकल आई. वो इतनी घबराई थी कि कुछ बोल भी नहीं पा रही थी. दरवाजा तोड़ उसे निकालने वाले पड़ोसी ने बेरी के हवाले से इमरजेंसी को फोन किया. आपातकालीन सेवा 911 से फोन पर बेरी ने कहा, "मुझे अगवा किया गया था, मैं बीते 10 साल से लापता थी और अब मैं यहां आजाद हूं."
जब इमरजेंसी ऑपरेटर ने यह पूछा कि घर से बाहर गए अपहर्ता ने कैसे कपड़े पहने हैं तो बेरी ने झल्ला सी गई, उसने कहा, "मुझे नहीं पता क्योंकि वो अभी घर पर नहीं है, इसीलिए मैं भाग पाई."
इसके बाद ऑपरेटर ने कहा कि कार मिलते ही पुलिस जल्द आपके पास पहुंचेगी तो घबराई और रोती बेरी ने कहा, "मुझे तुरंत इसी वक्त उनकी जरूरत है इससे पहले कि वो वापस लौट आए."
पुलिस मौके पर पहुंची. उसने घर पर छापा मारकर जीना और मिषेल को रिहा कराया. पुलिस ने युवतियों को बंधक बनाने वाले तीन भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों की उम्र 50, 52 और 54 साल है. अब एफबीआई उनके घर को खंगाल रही है.
घर के बगल में कैद
रिपोर्टों के मुताबिक बेरी को अगवा करने वाले ने ही जीना और मिषेल नाइट का भी अपहरण किया. आरोपियों ने तीनों को ओहायो सिटी के पास एक घर में कैद किया था. घर बेरी और जीना के घर के पास ही एक किलोमीटर के दायरे में हैं.
रिहाई में मीडिया की भी बड़ी भूमिका रही. बेरी, जीना और मिषेल के गायब होने के बाद से ही स्थानीय मीडिया ने एक अभियान सा छेड़ दिया था. एक दशक बीतने के बावजूद स्थानीय मीडिया लगातार इस मुद्दे को उठा रहा था. तीनों की तस्वीरें समय समय पर छपती रहीं. पिछले महीने ही स्थानीय टीवी चैनल ने बेरी के लापता होने के 10 साल पर एक खास कार्यक्रम पेश किया. मीडिया की सक्रियता से लोगों के जेहन में यह बात बैठ चुकी थी. सोमवार को जब बेरी मदद के लिए चीखी तो पड़ोसी हरकत में आए और उन्होंने उसकी मदद की. पड़ोस में रहने वाले चार्ल्स रामजे कहते हैं, बेरी चिल्ला रही थी, दरवाजे के टूटे हिस्से से वो हाथ हिला रही थी. रामजे तुरंत वहां गए और उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया. दरवाजा टूटते ही सामने बैरी थी, उसके साथ एक छह साल का बच्चा भी था. बच्चा बेरी का है.
पड़ोसियों के मुताबिक इससे पहले उन्हें कभी उस घर को लेकर शक नहीं हुआ. रामजे के मुताबिक, "कभी लगा ही नहीं कि इस घर में उनके (आरोपियों) अलावा कोई और भी रहता है." रामजे कभी कभार आरोपियों के साथ उस घर के पिछले बरामदे में भी गए. वहां उन्होंने बार्बीक्यू किया, इसके बावजूद उन्हें कभी वहां तीन युवतियों के कैद होने का शक नहीं हुआ.
एक और पड़ोसी चार्ली सेजोर्ब तो अवाक से हैं, कहते हैं, उफ्फ्फ्फ...."कभी अहसास ही नहीं हुआ कि ये लड़कियां हमारे घर के पिछवाड़े में कैद हैं." लेकिन फिलहाल ओहायो में जश्न सा माहौल है. आमतौर पर शांत माने जाने वाले इलाके में हैरानी भी हैं और बच्चियों के सकुशल होने पर खुशी भी.
ओएसजे/एमजे (डीपीए, एएफपी)