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तृणमूल कांग्रेस का सिरदर्द बना स्टिंग

प्रभाकर, कोलकाता१६ मार्च २०१६

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से तीन सप्ताह पहले एक स्टिंग ऑपरेशन में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसदों, मंत्रियों और नेताओं का लाखों की रिश्वत लेने वाला वीडियो सामने आने से तृणमूल कांग्रेस सरकार को करारा झटका लगा.

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Symbolbild Geldwäsche
तस्वीर: Fotolia/Carlson

अब विपक्ष इसे भुनाने में जुट गया है जबकि तृणमूल कांग्रेस इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए अपने बचाव में लगी है. इस मुद्दे पर विपक्ष ने कोलकाता की सड़कों से लेकर देश की संसद तक बवाल मचा रखा है. लोकसभा अध्यक्ष ने इस मामले को संसद की एथिक्स कमिटी के पास भेजने का फैसला किया है.

इस वीडियो के सामने आने के एक दिन बाद ही कोलकाता के दौरे पर आए मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से भी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर शिकायत करते हुए जांच कराने की मांग की है. उन्होंने भी इस वीडियो की जांच का भरोसा दिया है.

ऑपरेशन का वीडियो

उक्त स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेता रिश्वत लेते हुए नजर आ रहे हैं. यह स्टिंग नारद न्यूज नाम की वेबसाइट ने किया है. वेबसाइट ने साल 2014 में इम्पेक्स कंस्लटेंसी नामक एक कागजी कंपनी बनाई थी. उसके बाद इस कंपनी के पक्ष में काम कराने के लिए कई नेताओं से संपर्क किया गया. वेबसाइट का दावा है कि नेताओं को रिश्वत देने में उनके एक करोड़ रुपये से ज्याद खर्च हो गए हैं. यह स्टिंग जनवरी 2014 से 2016 के बीच शूट किया गया है. नारद न्यूज ने कोलकाता में एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस स्टिंग ऑपरेशन का टेप जारी किया. वेबसाइट के दो पत्रकारों मैथ्यू सैम्युअल और एंजेल अब्राहम ने तृणमूल नेताओं को पैसे दिए हैं.

विपक्ष का आरोप

इस स्टिंग वीडियो के सामने आने के बाद विपक्षी राजनीतिक दल ममता बनर्जी सरकार पर टूट पड़े हैं. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. इस मामले में सभी दलों ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है. सीपीएम और बीजेपी ने इसे शर्मनाक करार देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तत्काल इस्तीफे की मांग की है और चुनाव आयोग से कार्रवाई करने की मांग की है.

विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने चुनाव आयोग से इस मामले में कारर्वाई करते हुए विधानसभा चुनाव स्थगित कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. मिश्र कहते हैं, "यह शर्म की बात है कि यह सरकार अब तक सत्ता में बनी हुई है." सीपीएम, कांग्रेस व बीजेपी का दावा है कि इस सरकार के सत्ता में रहते मुक्त व निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं. विपक्षी दलों की ओर से कोलकाता समेत पूरे राज्य में प्रदर्शन व रैलियों का सिलसिला लगातार तेज हो रहा है.

तृणमूल की सफाई

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने इस स्टिंग ऑपरेशन को बकवास बताते हुए इसे पार्टी की छवि खराब करने का अभियान बताया है. पार्टी के राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन कहते हैं, "विपक्ष के पास हमारे खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए वह इस फर्जी स्टिंग ऑपरेशन का सहारा ले रहा है." मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक चुनावी रैली में कहा कि पार्टी ऐसी साजिशों से नहीं डरती. उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही विपक्षी दल साजिश करने में जुट जाते हैं. लेकिन इससे तृणमूल की जीत की संभावना पर कोई असर नहीं पड़ेंगा.पार्टी ने संबंधित वेबसाइट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी बात कही है.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इन वीडियो टेपों की हकीकत तो जांच के बाद ही सामने आएगी लेकिन संसद व चुनाव आयोग के इस मामले के संज्ञान लेने की वजह से इस पर विवाद बढ़ना तय है. विपक्ष ने इसे तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने का फैसला किया है.