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तुर्कमेनिस्तान पाइपलाइन प्रोजेक्ट में शामिल हुआ भारत

२१ सितम्बर २०१०

भारत ने तुर्कमेनिस्तान से अफगानिस्तान और पाकिस्तान होकर आने वाली गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अमेरिकी दबाव के कारण भारत ईरानी पाइपलाइन समझौते से हट चुका है.

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तस्वीर: UNI

अमेरिका चार देशों की इस गैस पाइपलाइन परियोजना का समर्थन करता है और इसे तापी नाम दिया गया है. तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अशगाबाट में चारों देशों ने इस पाइपलाइन के लिए बुनियादी समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस सिलसिले में तुर्कमेनिस्तान की राजधानी पहुंचे भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, "हमने गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए दो अहम समझौते किए हैं. हमारी ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए यह पाइपलाइन बहुत अहम है, लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान में इसकी सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं पर पर्याप्त ध्यान देने की जरूरत है."

Turkmenistan Gaspipeline nach China
तुर्कमेनिस्तान से भारत आएगी गैस पाइपलाइनतस्वीर: AP

एशियाई विकास बैक ने 1,680 किलोमीटर लंबी इस गैस पाइपलाइन का समर्थन किया है जो ऊर्जा के भूखे देश भारत को हर दिन 3.8 करोड़ मानक क्यूबिक मीटर गैस मुहैया कराएगी. लेकिन पाइपलाइन को 735 किलोमीटर लंबा रास्ता अफगानिस्तान में और 800 किलोमीटर लंबा रास्ता पाकिस्तान में तय करना होगा. भारत सरकार को चिंता है कि दोनों ही जगह भारत विरोधी तत्व पाइपलाइन को नुकसान पहुंचा सकते हैं. वैसे अमेरिका ने इस पाइपलाइल परियोजना का स्वागत किया है. इससे पहले अमेरिकी दबाव के चलते भारत को ईरान से आने वाली गैस पाइपलाइन परियोजना से हटना पड़ा.

भारत 2008 में तापी गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट में शामिल हुआ और शनिवार को इससे जुड़े चार देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. प्रसाद ने बताया, "कैबिनेट ने इस गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के बुनियादी समझौते को पहले ही सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है. लेकिन अंतिम हस्तक्षर कैबिनेट में दस्तावेज को मंजूरी मिलने के बाद ही होंगे."

प्रसाद ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने के लिए जरूरी है कि सभी साझीदार देश इस बात को मानें कि पारगमन शुल्क कम से कम रखा जाए, सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं पर पूरी तरह ध्यान दिया जाए और आगे बढ़ने से पहले कीमतों और अन्य सभी मुद्दों को संतोषजनक तरीके से हल कर लिया जाए. प्रसाद के साथ गैस पाइपलाइन के शुरुआती समझौते पर तुर्कमेनिस्तान के उपप्रधानमंत्री बायमारात होजामुहम्मेदोव, अफगानिस्तान के खनन मंत्री वहीदुल्ला शाहरानी और पाकिस्तान के पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्री नवीद कमर ने हस्ताक्षर किए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन