तालिबान का इंसाफः औरत को कोड़े और गोली
१० अगस्त २०१०बादगेज प्रांत में तालिबान की अदालत लगी और 40 साल की बीबी सनावबार को मौत की सजा सुनाई गई. इसके बाद उन्हें कोड़े मारे गए और फिर गोली मार दी गई. स्थानीय प्रशासन और पुलिस महिला को बचाने में नाकाम रहे. वारदात के बाद प्रांत के पुलिस प्रमुख जाबर सालेह ने कहा, ''तालिबान ने महिला को अवैध संबंध बनाने का दोषी करार दिया. महिला इसी वजह से गर्भवती हुई थी.''
पुलिस के मुताबिक सनावबार विधवा थीं. ऐसे में उनके गर्भवती होने को तालिबान ने बदचलनी करार दिया. तालिबान ने महिला के अकेलेपन और उसकी आजादी का रत्तीभर भी सम्मान नहीं किया. फैसले के बाद महिला को लोगों की भीड़ के सामने एक खुले मैदान में लाया गया और तालिबान के कमांडर मुल्लाह मोहम्मद युसूफ ने सनावबार को कोड़े मारे और फिर बेरहमी से समाज और बच्चों के सामने उसे गोली मार दी.
अधिकारियों का कहना है कि वारदात जिस जगह हुई, वह इलाका पूरी तरह तालिबान के नियंत्रण में है. अफगानिस्तान में हाल के समय में तालिबानी अदालतों और बर्बर फैसलों का प्रभाव बढ़ा है. महिलाओं और बच्चों को मौत की सजा दिए जाने के कई मामले सामने आने लगे हैं. जून में एक सात साल के बच्चे को जासूसी के आरोप में मौत की सजा दी गई.
देश के पश्चिमी हिस्से में अमेरिकी और नैटो सेनाएं तैनात हैं. इस वजह से उन इलाकों में तालिबानी अदालतों पर अंकुश लगा है. लेकिन देश के कई हिस्सों में आज भी हालात तालिबानी फरमान से प्रभावित हो रहे हैं. शादी के बाद पति के अलावा किसी और से शारीरिक संबंध बनाने पर तालिबान महिलाओं को पत्थर मारकर मौत के घाट उतारने का फैसला सुनाता है. ये सजाएं सिर्फ महिलाओं को ही मिलती हैं.
रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार